नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुना अधिक हो गया है। दिवाली के अगले ही दिन यहां AQI कई इलाकों में 600 तक पहुंच गया है, जो खराब वायु गुणवत्ता को दर्शाता है। इसमें पराली जलाने की घटनाओं के साथ-साथ आतिशबाजी का भी अहम योगदान है, जिसके लिए दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी से जब सवाल किए जा रहे हैं तो वह इसका सारा ठीकरा बीजेपी पर फोड़ रही है।
दिल्ली के प्रर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि इसके लिए बीजेपी काफी हद तक जिम्मेदार है, क्योंकि उसने लोगों को धर्म के नाम पर उकसाया। बीजेपी के नेताओं ने हर समय बयान दिए कि पटाखे जलाने से कुछ नहीं होता है, यह धर्म और त्योहार का मामला है। इसका नतीजा अब सबके सामने है। अब सभी वैज्ञानिक कह रहे हैं कि पटाखों से प्रदूषण होता है। दो दिन पहले हवा की जो गुणवत्ता थी, वह आज नहीं है।
उन्होंने कहा, दिल्ली में पिछले तीन दिनों से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इसके पीछे दो कारण हैं। एक तेजी से पराली जलने की घटनाएं बढ़ी हैं। 3,500 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं। कुछ लोगों ने दीपावली पर जानबूझकर पटाखे जलाए जिसके कारण भी AQI स्तर बढ़ा है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का यह बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि दिवाली से एक दिन पहले यानी बुधवार को यहां प्रदूषण का जो स्तर था, वह अन्य वर्षों के मुकाबले काफी कम था। ऐसे में अनुमान जताया जा रहा था यहां इस बार प्रदूषण का स्तर अन्य वर्षों के मुकाबले कम हो सकता है। लेकिन दिवाली के एक दिन बाद ही यहां प्रदूषण का स्तर एक बार फिर उच्चतम स्तर तक जा पहुंचा।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के मुताबिक, दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर भी दिल्ली में AQI 531 था, जो गंभीर श्रेणी में आता है। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता के गिरते स्तर को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को आगाह किया है। इससे आंखों में जलन और कई अन्य तरह की परेशानियां लोगों को हो सकती हैं। खास तौर पर जो लोग पहले से ही सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके स्वास्थ्य के लिए लिए और मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
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