एक तरफ यूपी में बुखार से बच्चों की मौत हो रही हैं तो वही दूसरी ओर राजधानी दिल्ली में भी बुखार का कहर बना हुआ हैं, दिल्ली का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एलएनजेपी में प्रतिदिन 3000 मामले बुखार के आ रहे हैं जिसमें से 40-50 फीसदी मामले केवल बच्चों के हैं, यानी प्रतिदिन कैजुअल्टी में करीब 100 मरीज बुखार के छोटे बच्चे हैं, अगर अस्पताल की सीएमओ रितु सक्सेना की माने तो अस्पताल में आजकल बच्चों में बुखार सबसे ज्यादा हो रहा हैं, जिसमें शुरुआती लक्षण बुखार, नजला, खराश आदि हैं और ये सारे वाइरल और डेंगू के लक्षण हैं। काफी सारे बच्चे अड्मिट भी हैं लेकिन यूपी जैसे हालात फिलहाल यहां नहीं हैं, फिलहाल बच्चों को निगरानी में रखा जा रहा हैं लेकिन कोई मौत हमारे यहां बुखार की वजह से अब तक नहीं हुई हैं।
इसके बाद हम आगे गए बच्चों के ओपीडी में जहां भारी संख्या में बच्चे जिन्हें बुखार और वाइरल हैं वो देखने को मिले। वहां मौजूद डॉक्टर उर्मिला झाम ने बताया कि आज सबसे ज्यादा बच्चे आए हैं जिन्हें बुखार और फ्लू जैसे सिम्प्टम्ज हैं, दिल्ली में भी सतर्क रहने की जरूरत हैं क्यूोंकि यूपी दिल्ली से ज्यादा दूर नही हैं, ये कौन सा वाइरस हैं जिसकी वजह से बच्ची को बुखार और लूजमोशन और अन्य परेशानी हैं ये फिलहाल पता नहीं चल पा रहा हैं। लेकिन अभी माता पिता को जरूरत हैं को वो साफ सफाई का खास ध्यान रखे।
हमने एलएनजेपी में दो माताओं से बात की पहला रानी जिसका बच्चा 4 साल का हैं जो 11 दिन बुखार की वजह से अस्पताल में भर्ती था और आज डिस्चार्ज हो रहा हैं, रानी बताती हैं शुरुआती लक्षण में सबसे ज्यादा पेट में दर्द, बुखार, पेट खराब होना ये सब था जिसकी वजह से हालत बहुत खराब हुई बच्चे की।
वही सीमा अपने 3 साल के बच्चे के साथ पहुंची, उन्होंने बताया आजकल वाइरल बहुत फैला हैं और हम नहीं चाहते यूपी जैसे हालात हो यह , लेकिन बुखार को अनदेखा नहीं किया जा सकता, बच्चों को आजकल होने वाले बुखार में बहुत दर्द भी हो रहा है।
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