उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि कोविड-19 के प्रसार के खतरे के मद्देनजर राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं को छोड़कर बाकी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि निर्धारित प्रोटोकॉल और दिशा- निर्देश का अनुपालन करते हुए सितंबर के अंत तक ऑफलाइन यानी पेन और पेपर से अथवा ऑनलाइन या फिर मिश्रित तरीके से परीक्षाएं संपन्न कराई जाएंगी।
स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक पूरी करा ली जाएंगी। स्नातक अंतिम वर्ष का परीक्षा फल 15 अक्टूबर तक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षा का परिणाम 31 अक्टूबर तक घोषित कर दिया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई छात्र किसी वजह से अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है तो उसे दूसरा मौका भी दिया जाएगा। विश्वविद्यालय की सुविधा के अनुसार इस परीक्षा को आयोजित कराया जाएगा जिससे छात्रों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा या नुकसान ना हो। यह प्रावधान केवल चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए ही लागू होगा।उन्होंने कहा कि प्रथम वर्ष या द्वितीय सेमेस्टर के लिए प्रावधान किया गया है। विश्वविद्यालय की गाइडलाइन कहती है कि प्रथम वर्ष के छात्रों के परिणाम शत-प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएं।
जहां आंतरिक मूल्यांकन की प्रविधि चल रही है वहां कुलपति इस पद्धति को अपना सकते हैं और अगर नहीं है, या वे हमारी प्रविधि को अपनाना चाहते हैं तो परीक्षाओं के सिलसिले में चार कुलपतियों की समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर सभी संकायों के प्रोन्नत प्रथम वर्ष के छात्र 2020-21 की द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि संबंधित विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार अगर वे अलग-अलग विषयों में पास होते हैं तो द्वितीय वर्ष के सभी विषयों के प्राप्त अंकों का औसत अंक ही उनके प्रथम वर्ष के अवशेष प्रश्न पत्रों का प्राप्तांक माना जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी से उपजे हालात में शिक्षण सत्र को नियमित करने के लिये माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कमी करने का फैसला किया है।राज्य के उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए सत्र को नियमित करने के लिये सरकार ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत कम करने का महत्वपूर्ण फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि बचे हुए 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम को तीन भागों में विभाजित करते हुए कक्षाएं संचालित की जाएंगी। पहले भाग में पाठ्यक्रम का वह भाग होगा जिसको कक्षावार, विषयवार और अध्यायवार वीडियो बनाकर आनलाइन पढ़ाया जाएगा और स्वयंप्रभा चैनल एवं यूपी दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाएगा।शर्मा ने बताया कि दूसरे भाग में पाठ्यक्रम का वह भाग होगा, जिसे छात्र खुद पढ़ सकेंगे। वहीं, तीसरे भाग में पाठ्यक्रम का वह भाग होगा जो प्रोजेक्ट वर्क के माध्यम से छात्रों द्वारा किया जा सकता है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया, 'माध्यमिक शिक्षा विभाग में हम 10 माह पहले ही शैक्षिक पंचांग जारी कर देते हैं, मगर कोरोना वायरस महामारी की वजह से यह निर्णय लेना पड़ा है।'उन्होंने कहा कि विषय विशेषज्ञों द्वारा कक्षावार/ विषयवार/ अध्यायवार बनाए गए शैक्षिक पंचांग के अनुसार शैक्षिक एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों का माहवार वार्षिक एकेडमिक कैलेंडर बनाया जाएगा। शैक्षिक पंचांग के अनुसार विद्यालयों में पाठ्यक्रम को पढ़ाने, मूल्यांकन कराने, निगरानी कराने के लिये विद्यालय, जनपद, मंडल एवं राज्य स्तर पर मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) को निर्मित किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि विषय विशेषज्ञों द्वारा कक्षावार, विषयवार, अध्यायवार प्रश्न पत्र बैंक बनाकर माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड कराया जाएगा, इनका मूल्यांकन मासिक, त्रैमासिक एवं वार्षिक आधार पर किया जाएगा।