IAS Success Story: कॉलेज में कई सब्जेक्ट्स में हुए फेल, डिप्रेशन को मात दे गौरव शेखावत ने हासिल की 77वीं रैंक

एजुकेशन
Updated Oct 04, 2019 | 07:00 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

IAS Success Story Dilip Singh Shekhawat:ये कहानी है जोधपुर के रहने वाले दिलीप सिंह शेखावत की। दिलीप ने जब तैयारी के लिए दिल्ली पहुंचे तो वह डिप्रेशन में चले गए थे। जानिए दिलीप सिंह शेखावत की सक्सेस स्टोरी।

Dilip Singh Shekhawat
Dilip Singh Shekhawat 
मुख्य बातें
  • दिलीप सिंह शेखावत ने साल 2018 में यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम में 77वीं रैंक हासिल की।   
  • दिलीप जब दिल्ली पहुंचे तो माहौल देखकर वह डिप्रेशन में चले गए थे।
  • दिलीप के मुताबिक उन्होंने आखिर में ठान लिया कि वह एक बार जरूर अटेंप्ट देंगे।

नई दिल्ली. जोधपुर के रहने वाले दिलीप सिंह शेखावत ने जब आईएएस बनने का ख्वाब देखा तो सब उन पर हंसे। इसके बाद जब उन्होंने तैयारी शुरू की तो वह डिप्रेशन में चले गए थे। दिलीप ने हार नहीं मानी और साल 2018 में यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम में 77वीं रैंक हासिल की। 
 
दिलीप ने एक इंटरव्य में बताया कि वह खुद को नकारा समझते थे। स्कूल के दौरान वह एक एवरेज स्टूडेंट थे। वह खुद को एक गली बॉय कहते हैं। हालांकि, 12वीं के बाद उनके सामने आगे क्या करूं? का सवाल था। 

दिलीप को इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल गया और उन्होंने केमिकल ब्रांच से इंजीनियरिंग की। कॉलेज के आखिरी साल में उन्हें कैंपस प्लेसमेंट से नौकरी मिल गई थी। वहीं, नौकरी के दौरान उनके सीनियर्स ने उन्हें आईएएस के बारे में बताया। 
 
इस वजह से चले गए थे डिप्रेशन में 
दिलीप कहते हैं कि, "मेरे सीनियर्स ने बताया था कि सिविल सर्विस एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आप नौकरी के साथ-साथ सोशल वर्क भी कर सकते हैं।" हालांकि, मुझे अपने बैकग्राउंड के कारण डर लग रहा था। मैं कॉलेज में कई सब्जेक्ट्स में फेल हुआ था।" 

दिलीप ने आखिरकार रिस्क लिया और तैयारी शुरू की। हालांकि, दिल्ली पहुंचकर उनके मन में कई बुरे ख्याल आने लगे। दिलीप कहते हैं कि, "मैंने जब यहां पर देखा कि कई अच्छे घर के और पढ़े-लिखे लोग ये एग्जाम क्वालिफाई नहीं कर पाए तो मैं कैसे कर दूंगा। ये सोचकर वह डिप्रेशन में चले गए थे। 

चार अटेंप्ट में हुए फेल
दिलीप के मुताबिक उन्होंने आखिर में ठान लिया कि वह एक बार जरूर अटेंप्ट देंगे। हालांकि, पहले अटेंप्ट में वह प्रीलिम्स का एग्जाम भी क्वालिफाई नहीं कर पाए थे। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और फिर दूसरा अटेंप्ट दिया। 

 

 

दिलीप दूसरे अटेंप्ट में इंटरव्यू तक पहुंचे थे। हालांकि, नर्वसनेस के कारण वह इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाए। इसके बाद आया साल 2018। इस साल उन्होंने इस परीक्षा में आखिरकार 77वीं रैंक हासिल कर डाली।  
 

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