नई दिल्ली: कहते हैं इंडिया में बेशुमार क्षमता है और तमाम प्रतिभायें यहां ऐसी हैं जो सामने नहीं आ पाती हैं, वहीं जो आगे भी आती हैं और अपने इनोवेटिव आईडिया को सामने लाती हैं तो उन्हें सराहना तो खूब मिलती है तारीफ भी होती है लेकिन उन आइडिया पर काम नहीं होता है जिससे वो वहीं दम तोड़ देते हैं और उस प्रतिभाशाली स्टूडेंट की आगे ऐसा करने की इच्छा को भी बल नहीं मिल पाता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगी, आईआईटी इसके लिए आगे आई है और उसने इसपर ठोस काम करने की मंशा भी जताई है।
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक स्कूली बच्चों के इनोवेटिव आइडिया को अब देश के IIT मूर्त रूप देंगे बताते हैं कि राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत एक ऐसा मंच तैयार किया जा रहा है जिससे किसी भी समस्या के हल के लिए की गई इनके माध्यम से हुई खोजें समाधान के रूप में सामने आ सकेंगी
आत्मनिर्भर भारत के लिए हर स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं इन्हीं कोशिशों के क्रम में आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) से मेंटर होने वाली संस्था यूनिट ऑफ साइंस एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट (यूनिसेड) सामने आई है बताते हैं कि यह संस्था कई आईआईटी के पूर्व छात्रों की है।
खासतौर पर माध्यमिक के छात्रों में उत्सुकता, रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देने के लिए एक ऐसी शुरुआत की जा रही है जिसका फायदा आत्मनिर्भर भारत बनाने में होगा इसके लिए आईआईटी इनके विचारों को मूर्त रूप देने के लिए इसे तराशने में मदद करेगा वहीं 18 एसएसएमई सेंटरों जिन्हें पहले टूल रूम, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर आदि के नाम से जाना जाता था, उनकी मदद ली जाएगी और समस्याओं को 136 राष्ट्रीय अविष्कार अभियान लैब में बांटा जाएग और यहां शोध आदि के बाद इसे मूर्त रूप दे दिया जाएगा।
कोरोना संकट के बीच भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कानपुर समेत देश भर में स्थापित 136 राष्ट्रीय अविष्कार लैब देश के तकनीकी, प्रबंधन संस्थानों के साथ सहयोग के लिए एमएसएमई से भी जुड़ेंगी वहीं शिक्षा की गुणवत्ता के लिए हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के साथ समझौता भी किया गया है। अवनीश त्रिपाठी, चीफ प्रोग्राम एडवाइजर, आरएए इनोवेशन लैब्स प्रोजेक्ट का इस बारे में कहना है कि देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के अन्तर्गत यूनिसेड का यह बड़ा अभियान है। इससे उन सभी संस्थानों को एक मंच मिलेगा जिससे समस्याओं को हल करने वाली खोज हो सके।