UGC NET Admit Card 2021: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC NET) 2021 की परीक्षा 17 से 25 अक्टूबर, 2021 तक आयोजित होने वाली है। ऐसे में परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं की सबसे बड़ी चिंता यही है कि पेपर अच्छे हो जाएं और वह JRF या NET के लिए क्वॉलिफाई कर लिए जाए। असल में JRF और NET के क्वॉलिफिकेशन के लिए यूजीसी ने एक फॉर्मूला बनाया हुआ है। जिसके आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। आइए जानते हैं कि यूजीसी किस आधार पर उम्मीदवारों का चयन करता है।
NET के लिए क्या है मानदंड
यूजीसी द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार जितने अभ्यर्थी Assisatnt Professtor के लिए आवेदन करते हैं, उसमें से केवल 6 फीसदी ही नेट के लिए क्वॉलिफाई करते हैं। इसके तहत सामान्य वर्ग के छात्रों को न्यूनतम 40 फीसदी अंक दोनों पेपर में प्राप्त करना जरूरी होता है। इसी तरह सामान्य वर्ग (आर्थिक रुप से पिछड़े), ओबीसी और एस-एसटी के लिए न्यूनतम 35 फीसदी अंक पाना जरूरी है। उसके बाद ही वह क्वॉलिफिकेशन के दायरे में आता है। क्वॉलिफाइ़ड अभ्यर्थियों की संख्या तय करने के लिए न्यूनतम अंक पाने वाले छात्रों और उस वर्ग में मौजूद स्लॉट के साथ विषय के आधार पर परीक्षा देने वालें छात्र-छात्राओं को शामिल कर कुल क्वॉलीफाई करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या निकाली जाती है।
JRF के लिए क्या है मानदंड
इसी तरह JRFके लिए छात्रों का चयन कुल आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए क्वॉलिफाई करने वाले अभ्यर्थियों में से होता है। इन में से एक फीसदी ही अभ्यर्थी क्वॉलीफाई कर पाते हैं। यहां पर भी क्वॉलिफाइ़ड छात्रों की संख्या तय करने के लिए, JRF के लिए आवेदन करने वाले छात्रों के बीच, न्यूनतम अंक पाने वाले छात्रों और उस वर्ग में मौजूद स्लॉट और विषय के आधार पर परीक्षा देने वालें छात्र-छात्राओं को शामिल कर, JRF क्वॉलीफाई करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या निकाली जाती है।
JRF और NET में क्या अंतर है
NET (National Eligibility Test) एक परीक्षा है, जिसके जरिए कॉलेज और यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर की पात्रता के लिए चयन किया जाता है। वहीं अगर कोई अभ्यर्थी रिसर्च करना चाहता है, तो वह JRF क्वालिफाई करने बाद एक तय मानदेय के साथ पीएचडी कर सकता है। यह परीक्षा साल में दो बार होती है।