नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सख्त एहतियात के साथ रविवार को देशभर में 3,800 से अधिक केद्रों पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) में लगभग 90 प्रतिशत परीक्षार्थी शामिल हुए। राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2 बजे शुरू हुई, लेकिन परीक्षा केद्रों पर 11 बजे से प्रवेश शुरू हो गया था। विद्यार्थियों को अलग-अलग समय दिया गया था, ताकि परीक्षा केंद्रों पर भीड़ न लगे और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन हो सके। नीट के लिए 15.97 लाख परीक्षार्थियों के लिए पंजीकरण कराया था। यह परीक्षा पहले दो बार स्थगित की जा चुकी है।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने कहा कि परीक्षा के लिए उपस्थिति 85-90 प्रतिशत के बीच थी। हालांकि, उपस्थिति के आधिकारिक आंकड़े अभी तक उपलब्ध नहीं हुए है। वर्ष 2019 में उपस्थिति 92.9 प्रतिशत थी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी और आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, 'एनटीए ने मुझे सूचित किया कि लगभग 85-90 प्रतिशत छात्र नीट परीक्षा में उपस्थित हुए हैं। मैं ईमानदारी से सभी मुख्यमंत्रियों और एनटीए को धन्यवाद देता हूं कि छात्रों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए उचित व्यवस्था की गई है। नीट में भागीदारी युवाओं के तप और धैर्य को दर्शाती है।'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मेडिकल की प्रवेश परीक्षा नीट परीक्षा में बैठ रहे छात्रों को रविवार को शुभकामनाएं दीं थी और साथ ही कोविड-19 महामारी तथा बाढ़ के कारण इस परीक्षा में नहीं बैठ पाए छात्रों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की। गांधी ने ट्विटर पर लिखा, 'नीट परीक्षा में शामिल हो रहे विद्यार्थियों को मेरी शुभकामनाएं और जो छात्र कोविड-19 महामारी तथा बाढ़ के कारण इस परीक्षा में नहीं बैठ सके, उनके प्रति मेरी सहानुभूति।'
नीट की परीक्षा वैसे तीन मई को निर्धारित थी लेकिन बाद में परीक्षा को 26 जुलाई को कराने और फिर 13 सितम्बर को कराया जाना तय किया गया। तमिलनाडु में रविवार को कोविड-19 से सुरक्षा उपायों के साथ नीट परीक्षा हुई। राज्य के 200 केन्द्रों पर यह परीक्षा कराई गई। हालांकि तीन छात्रों की कथित आत्महत्याओं के बाद छिटपुट विरोध प्रदर्शन भी हुए। कई छात्रों ने परीक्षा देने के बाद कहा कि कठिनाई कम हुई और पिछले वर्ष के प्रश्नों का गहन अध्ययन भी काम आया।