NEET PG Counselling 2021: National Eligibility Cum Entrance Test, NEET PG Counselling 2021 से जुड़ा आखिरकार बड़ा अपडेट आ गया है। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट, एनईईटी पीजी काउंसलिंग 2021 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है।
नीट पीजी काउंसलिंग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी] यहां पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के 29 जुलाई के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान काउंसलिंग पर रोक हटाने का आदेश सुरक्षित रखा है, जिसमें NEET प्रवेश के लिए EWS श्रेणी के लिए 10% आरक्षण प्रदान किया गया है। आदेश सुरक्षित करने से ठीक पहले बेंच ने कहा, 'हम ऐसी स्थिति में हैं जहां राष्ट्रहित में काउंसलिंग शुरू होनी चाहिए।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने रेजिडेंट डॉक्टरों की NEET-PG सीटों के लिए काउंसलिंग की मांग को "वास्तविक" करार दिया। पीठ ने केंद्र के अनुरोध पर सकारात्मक रूप से विचार करने के लिए सहमति व्यक्त की।
एसजी तुषार मेहता ने कहा कि ईडब्ल्यूएस नियम जनवरी 2019 में अस्तित्व में आया। याचिकाकर्ता इसे चुनौती देने के लिए तब आए जब काउंसलिंग शुरू होने वाली थी, ऐसे में काफी देर हो चुकी है।
एसजी ने कहा कि काउंसलिंग में देरी होने पर डॉक्टरों की कमी रहेगी और कोविड की तीसरी लहर लगभग आ चुकी है।
ईडब्ल्यूएस कोटे को लेकर कही गई यह बात
ईडब्ल्यूएस के लिए 10% आरक्षण को चुनौती देने वालों के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि स्नातकोत्तर प्रवेश पूरी तरह से योग्यता आधारित होना चाहिए और आरक्षण न्यूनतम होना चाहिए। दीवान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों में कोई आरक्षण नहीं होना चाहिए।
बता दें, यह काउंसलिंग एक महीने से अधिक समय से विलंबित थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब तेजी से प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। NEET PG Counselling 2021 में हुई देरी के कारण देश भर के डॉक्टरों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था। मामला कोट तक जा पहुंचा, लेकिन सुनवाई की तिथि घोषित नहीं हो रही थी, ऐसे में केंद्र के अनुरोध पर, सुप्रीम कोर्ट अपनी तय तारीख से पहले याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया। चूंकि आज नीट पीजी काउंसलिंग पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है, ऐसे में अब यूजी और पीजी काउंसलिंग 2021 अनुसूची की घोषणा जल्द की जाएगी।
नीट दाखिले के इस मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली स्पेशल बेंच ने की। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा एक तत्काल सूची मांगी गई थी। इसके बाद, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सीजेआई एन वी रमना और जस्टिस सूर्यकांत और हेमा कोहली की पीठ ने मंजूरी दी थी।
6 की जगह 5 जनवरी को हुई इसलिए हुई सुनवाई
बता दें, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले की सुनवाई के लिए 06 जनवरी की तारीख दी थी, लेकिन देशभर में रेजिडेंट डॉक्टर्स के बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्र ने कोर्ट से सुनवाई की मांग जल्द से जल्द करने को कही थी, जिसके बाद एससी ने 5 जनवरी को सुनवाई पर सहमति जताई थी।