नयी दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की साल 2020 की रैकिंग में सम्पूर्ण संस्थान (ओवरआल) श्रेणी में आईआईटी मद्रास को प्रथम, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू को द्वितीय और आईआईटी दिल्ली को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।विश्वविद्यालयों की श्रेणी में भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू को प्रथम, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली को द्वितीय और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, बनारस को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आनलाइन माध्यम से नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की साल 2020 रैंकिंग की सूची जारी की।प्रबंधन संस्थानों की श्रेणी में आईआईएम अहमदाबाद को प्रथम, आईआईएम बेंगलुरू को द्वितीय और आईआईएम कलकता को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
एनआईआरएफ की कालेजों की श्रेणी में रैंकिंग में मिरांडा हाउस दिल्ली को प्रथम, लेडी श्रीराम कालेज दिल्ली को द्वितीय और हिन्दू कालेज नई दिल्ली को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। चिकित्सा संस्थानों की श्रेणी में एम्स दिल्ली को प्रथम, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ को द्वितीय और क्रिश्चन मेडिकल कालेज, वेल्लोर को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
विधि संस्थानों की श्रेणी में पहला स्थान नेशनल लॉ स्कूल आफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरू को, नेशनल लॉ स्कूल दिल्ली को द्वितीय और नल्सार यूनिवर्सिटी आफ लॉ, हैदराबाद को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ जबकि फार्मेसी संस्थानों की श्रेणी में जामिया हमदर्द दिल्ली को प्रथम, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ को द्वितीय और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फार्मास्यूटिकल्स एंड रिसर्च मोहाली को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
आर्किटेक्चर संस्थाओं की श्रेणी में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी खडगपुर को प्रथम, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, रूड़की को द्वितीय और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी कालीकट को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।डेंटल संस्थानों की श्रेणी में मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट आफ डेंटल साइंसेज दिल्ली को प्रथम, मणिपाल कालेज आफ डेंटल साइंसेज उडूपी को द्वितीय और डा. डी वाई पाटिल विद्यापीठ पुणे को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि विभिन्न मानदंडों पर रैंकिंग से संस्थानों के मूल्यांकन से अनुसंधान को प्रोत्साहन मिलेगा और गुणवत्ता बेहतर होगी। इससे संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह रैकिंग छात्रों को विश्वविद्यालयों का चयन करने में मार्गदर्शन का काम करेगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिगम, परिणाम, संसाधन, शिक्षण स्तर, लैंगिक समानता, समाज के वंचित वर्गो तक पहुंच आदि मानदंडों के आधार पर सभी चयनित संस्थानों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों एवं अन्य संस्थानों का मूल्यांकन एवं समीक्षा की गयी है और इससे देश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी।उन्होंने कहा कि 45,000 कॉलेजों, 1000 विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों का मूल्यांकन होना चाहिए। इससे इनकी गुणवत्ता बढ़ेगी।
निशंक ने कहा कि हर साल सात लाख बच्चे विदेशों में पढ़ने जाते हैं जिसके कारण एक तरफ हजारों करोड़ रूपया देश से बाहर चला जाता है और दूसरी तरफ हमारी प्रतिभाएं भी दूसरे देशों में चली जाती है। हमें इन दोनों चीजों को रोकना है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा पलायन रोकने से पैसा भी देश से बाहर जाने से रूकेगा। इसके लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जरूरी है। मंत्री ने कहा कि शीर्ष 100 संस्थानों की श्रेणी में आने वाले संस्थान स्वत: स्फूर्त ऑनलाइन माध्यम से कामकाज को आगे बढ़ायेंगे जो बदलते समय की जरूरत है।