सृष्टि जयंत देशमुख 2018 की यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंकिंग पांचवी रही थी। पहली ही बार में देश की सर्वोंच्च और सबसे कठिन परीक्षा में इतना बेहतर प्रदर्शन करना आसान नहीं है। सृष्टि ने इस परीक्षा को पास करने के लिए जिस स्ट्रेटजी पर अपनी तैयारी की है वह अन्य प्रतिभागियों के लिए सीख हो सकती है। सृष्टी ने भावी प्रतियोगियों को कुछ ऐसे टिप्स दिए हैं जिससे उन्हें भी इस परीक्षा को पास करने में आसानी हो सकेगी। तो आइए जानें मध्य प्रदेश की सृष्टी से कि यूपीएससी परीख्ज्ञा की तैयारी में क्या कुछ ध्यान देना जरूरी है।
सृष्टि का कहना है कि किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए लगन और मेहनत सबसे ज्यादा जरूरी है और कम से कम संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए डेढ़ साल की तैयारी जरूरी है। ये सबसे लंबी कठिन और लंबी परीक्षा में से एक है तो इसकी तैयारी भी उतनी ही लंबी होनी चाहिए। याद रखें जब भी परीक्षा में बैंठें अपनी तैयारी करने के बाद। पहली बार केवल परीक्षा को समझने या देखने के लिए नहीं बैठना चाहिए। बल्कि ये सोच कर देना चाहिए कि परीक्षा सफलता के लिए दी जा रही है।
हर प्रयास को अंतिम प्रयास मान कर परीक्षा दें
परीक्षा की तैयारी जब आप ये सोच कर करेंगे कि ये आपकी अंतिम परीक्षा है तो आपके सफल होने के चांसेज बढ़ जाएंगे। जरूरी नहीं की पहले प्रयास में आप सफल हो ही जाएं, यदि नहीं होते तो उस परीक्षा कि कमियों पर ध्यान दें और अगली परीक्षा में उन गलतियों को सुधार दें। परीक्षा में सफलता मिलना आसान नहीं लेकिन मुश्किल भी नहीं। इसलिए अपनी परीक्षा को ऐसे तैयार करें कि आप इसके बाद सफल होके रहेंगे।
पुराने पेपरों से मदद लें
कोई भी परीक्षा पास करने के लिए जरूरी है कि आप कई साल पुराने पेपरों को देखें और उस आधार पर अपनी तैयारी का पैटर्न तैयार करें। पुराने छह से सात साल के पेपरों से आपको परीक्षा की तैयारी में बहुत मदद मिलेगी। हर रात उन सवालों को आधे घंटे देखें, जिससे तैयारी करते समय आपको आइडिया हो जाए कि ऐसे भी प्रश्न परीक्षा में आ सकते हैं।
इंटीग्रेटेड प्रिपरेशन पर ज्यादा ध्यान दें
सृष्टि का कहना है कि परीक्षार्थी को इंटीग्रेटेड प्रिपरेशन पर ध्यान देना चाहिए। प्रीलिम्स की तैयारी में ऑब्जेक्टिव, मेन्स के लिए जरूरी टॉपिक्स और इंटरव्यू के लिए करंट अफेयर्स पर ज्यादा फोकस करें। हालांकि इंटरव्यू पूरी तरह से आपके अपने विश्वास और प्रजेंस ऑफ माइंड पर निर्भर करता है। अपने वैकल्पिक विषय को हमेशा अपनी पसंद के अनुसार ही चयन करें। सृष्टि बताती हैं कि उन्हें केमिकल इंजीनियरिंग पसंद थी, लेकिन विकल्प न होने के कारण उन्होंने समाजशास्त्र लिया था।