Central Universities Exam:केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 30 सितंबर तक एक्जाम करवाने की तैयारी

एजुकेशन
भाषा
Updated Jul 27, 2020 | 20:39 IST

परीक्षाओं को लेकर अभी तक 818 विश्वविद्यालयों ने यूजीसी को अपना जवाब भेजा है। अपने जवाब में 209 विभिन्न विश्वविद्यालयों ने बताया कि वे अपने संस्थानों में यूजीसी के दिशा निर्देश अनुसार परीक्षाएं पूरी करवा चुके है

Preparation for the examination in central universities by 30 September
यूजीसी सभी विश्वविद्यालयों को यह आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर चुका है (प्रतीकात्मक फोटो) 

नई दिल्ली: विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में होने वाली सेमेस्टर परीक्षाएं 30 सितंबर तक पूरी करवाई जानी हैं। प्रत्येक क्षेत्र एवं राज्य की परिस्थितियों के अनुसार यह परीक्षाएं ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन करवाई जा सकती हैं। यूजीसी सभी विश्वविद्यालयों को यह आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर चुका है। यूजीसी द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों को देशभर के अधिकांश केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने तेजी से लागू करना शुरू कर दिया है।

यूजीसी ने कहा, विश्वविद्यालयों की परीक्षा के लिए 6 जुलाई को पुन: निर्धारित किए गए दिशा-निर्देशों पर 51 केंद्रीय विश्वविद्यालय से सकारात्मक जवाब मिला है। इनमें से कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की ऑनलाइन परीक्षाएं पूरी करवा ली हैं जबकि शेष रह गए केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने 30 सितंबर से पहले इस प्रकार की परीक्षाएं करवा लेने का आश्वासन दिया है।

यूजीसी द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, हमारे लिए विद्यार्थियों का स्वास्थ्य, उनकी सुरक्षा, निष्पक्षता और समान अवसर के सिद्धांतों का पालन करना सर्वोपरि है। साथ ही, विश्व स्तर पर विद्यार्थियों की शैक्षणिक विश्वसनीयता, करियर के अवसरों और भविष्य की प्रगति को सुनिश्चित करना भी शिक्षा प्रणाली में बहुत मायने रखता है।

परीक्षाओं को लेकर अभी तक 818 विश्वविद्यालयों ने यूजीसी को अपना जवाब भेजा है

अपने जवाब में देशभर के 209 विभिन्न विश्वविद्यालयों ने बताया कि वे अपने संस्थानों में यूजीसी के दिशा निर्देश अनुसार परीक्षाएं सफलतापूर्वक पूरी करवा चुके हैं। इनके अलावा 394 विभिन्न विश्वविद्यालय अगस्त और सितंबर में ऑनलाइन, ऑफलाइन एवं मिश्रित संसाधनों से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में यदि टर्मिनल सेमेस्टर अंतिम वर्ष का कोई भी विद्यार्थी उपस्थित होने में असमर्थ रहता है, चाहे जो भी कारण रहा हो, तो उसे ऐसे पाठ्यक्रम(पाठ्यक्रमों) प्रश्नपत्र(प्रश्नपत्रों) के लिए विशेष परीक्षाओं में बैठने का अवसर दिया जा सकता है।

यूजीसी द्वारा लिए गए इस निर्णय पर विशेषज्ञों की राय बटी हुई है

दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के सदस्य डॉ. वी एस नेगी ने कहा, विद्यार्थियों द्वारा साथ चुने हुए प्रतिनिधियों से चर्चा किये बिना ऑनलाइन परीक्षा का प्रयोग करना उचित नहीं है। इस पर फिर से विचार कर विद्यार्थियों के हित में कार्य करना चाहिए। जिस तरह से कुलपति निर्णय लागू कर रहे हैं वो विश्वविद्यालय के नियमों के खिलाफ है। बिना कार्यकारी परिषद व विद्वत परिषद में चर्चा किये ऐसा करना अनुचित है।
 

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