UPSC Success Story: गुंजन द्विवेदी आईएएस की परीक्षा दे रहे उन प्रतियोगियों की प्रेरणा हैं जो पहले या दूसरे प्रयास में प्री भी नहीं निकाल पाते। गुंजन के साथ भी आईएएस परीक्षा के दौरान कुछ ऐसा ही हुआ था। गुंजन पहले दो प्रयास में प्री-परीक्षा तक क्लियर नहीं कर पाईं थीं, लेकिन तीसरे प्रयास में उन्हें 9वीं रैंक हासिल हुई।
प्रतियोगियों के लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि असफलता और सफलता में बहुत दूरी नहीं होती। यूपीएससी परीक्षा सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा में शामिल है। ऐसे में इस परीक्षा में असफलता का मिलना सामान्य है।
दो साल की तैयारी के बाद भी प्री नहीं हुआ था क्लियर
गुंजन ने ग्रेजुएशन खत्म करने के बाद यूपीएससी की तैयारी करनी शुरू कर दी थी। हालांकि उस समय उनकी परीक्षा देने के लिये न्यूनतम आयु सीमा कम थीं, इसलिए वह तैयारी में अपना समय देने लगीं।
दो साल की तैयारी के बाद गुंजन ने जब आईएएस परीक्षा दी तो वह प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाईं। इससे उन्हें बहुत दुख हुआ, लेकिन दूसरी बार वह फिर तैयारी के साथ परीक्षा में शामिल हुईं।
अफसोस की इस बार भी उनका प्री क्लियर नहीं हो पाया। वे काफी हताश और निराश हो गईं, लेकिन उनकी फैमली और दोस्तों ने उनकी हिम्मत बढ़ाई और तीसरी बार में गुंजन ने कमाल ही कर दिया। वह आईएएस परीक्षा के टॉप टेन में शामिल हो गईं। उन्हें 9वां स्थान मिला था।
परिवार का महौल अधिकारियों का रहा था
गुंजन के पापा रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर हैं और बड़ी बहन इनकम टैक्स ऑफिसर। परिवार में हमेशा पढ़ने लिखने और अधकारियों वाला माहौल था। इसलिए गुंजन भी आईएएस बनने की इच्छा बचपन से रखती थीं। फेमली का उन्हें सपोर्ट भी खूब था।
यूपीएससी के लिए खास तौर से चुना था पॉलिटिकल साइंस
12 के बाद गुंजन ने यूपीएससी के तैयारी के हिसाब से अपने ग्रेजुएशन के लिए पॉलिटिकल साइंस चुना था। उनकी बड़ी बहन भी यूपीएससी की ही तैयारी कर रही थी, इससे भी गुंजन को बहुत मदद मिली। गुंजन ने दिल्ली के दौलत राम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स किया था।
गलतियों ने बहुत कुछ सीखाया
2014 में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने अपना पहला यूपीएससी का एग्जाम 2016 में फिर 2017 में दिया लेकिन उन्हें सफलता 2018 में मिली। गुंजन बताती हैं कि जब प्री क्लियर नहीं हो रहा था तो मुझे सबसे ज्यादा दुख हो रहा था।
फैमली और उनके दोस्त उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित करते रहें और मैने मूल्यांकन शुरू किया कि गलती कहां हो रही है। अपनी पुरानी कमियों से सीखते हुये मैंने तीसरी बार आखिर सफलता पा ही ली, लेकिन आपको बता दूं की तीसरी बार परीक्षा देने के बाद मैं रुकी नहीं। चौथे परीक्षा की तैयारी करने लगी थी।
शुरु में ली कोचिंग, बाद में खुद से की तैयारी
गुंजन ने अपनी तैयारी के लिये शुरू में 6 या 7 महीने की कोचिंग ली, लेकिन इसके बाद वह खुद से तैयारी करने लगीं। कोचिंग से मिलने वाले एनुअल नोट्स की मदद से वह आगे की तैयारी करने लगी।
गुंजन बेसिक्स क्लियर करने पर बहुत जोर देती हैं। उन्होंने बताया की उन्होंने एनसीईआरटी की कक्षा 6 से 12 की सारी किताबें अच्छे से पढ़ीं और इसके बाद लक्ष्मीकांत और स्पेक्ट्रम पर फोकस कीं।
उन्होंने कहा कि करेंट अफेयर्स के लिए न्यूज पेपर से बेहतर कुछ और नहीं। साथ ही उन्होंने बताया की ऑनलाइन भी खूब कंटेंट उपलब्ध है। मेन्स की तैयारी हो या साक्षात्कार सब कुछ के लिए आप ऑनलाइन सामग्री पा सकते हैं।