नई दिल्ली: यूपी टीईटी परीक्षा 28 नवंबर को लीक हो जाने के बाद अब अभ्यर्थियों को परीक्षा तिथि का इंतजार है। इस बीच सरकार ने फिर कहा है कि परीक्षा दिसंबर महीने में ही होगी। हालांकि अभी तक परीक्षा तिथि का ऐलान नहीं हो पाया है। सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, कि इस बार 13 लाख छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो पाए। इसके लिए परीक्षा के लिए बदलाव किए जा सकते हैं। ऐसे में उम्मीदवार को लास्ट मिनट तैयारी में खास तौर से ध्यान रखना चाहिए।
क्या हो सकते हैं बदलाव
परीक्षा के पेपर लीक मामले में अब तक 29 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव संजय उपाध्याय की थी। लेकिन पेपर लीक होने के बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही प्रिटिंग प्रेस से जुड़े लोगों पर भी कार्रवाई की गई है। ऐसे में सबस ज्यादा निगरानी प्रिटिंग प्रेस और परीक्षा के पहले पेपर को कस्टडी में रखने वालों पर होगी। इसके लिए सीसीटीवी कैमरे आदि से निगरानी बढ़ाई जाएगी। इस बात की भी तैयारी है कि हर परीक्षार्थी का पेपर की सेटिंग ऐसे की जाय कि सॉल्वर गैंग पेपर लीक कर उसका फायदा नहीं उठा सके।
लास्ट मिनट टिप्स
चूंकि उत्तर प्रदेश सरकार बार-बार इस बात का दावा कर रही है कि परीक्षा इस महीने ही कराई जाएगी। इसे देखते हुए उम्मीदवारों के लिए जरूरी है कि वह लास्ट मिटन में ऐसी गलितयां नहीं करें जो परीक्षा में भारी पड़ जाय। मसलन पुराने पेपर का रिवीजन जरूर करें, इसके अलावा लीक पेपर की वजह से उम्मीदवारों को पेपर के पैटर्न का रियल अंदाजा भी लग चुका होगा। उस आधार पर तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा सकता है। मॉक टेस्ट भी करना चाहिए। साथ ही लास्ट टाइम रिवीजन से लेकर, ओवर कॉन्फिडेंस से भी बचना जरूरी है।
रातों-रात लीक हो गया था पेपर
UPTET का परीक्षा पेपर रातों-लीक हो गया था। और उसके बाद सॉल्वर गैंग वाट्स ऐप के जरिए कई लोगों के संपर्क में आ गया था। जिस तरह पेपर प्रदेश के हर हिस्से में पहुंचा, उससे तो साफ हो गया कि इसमें किसी बड़े गैंग का हाथ है। इसीलिए पेपर लीक होने में प्रिटिंग एजेंसी से लेकर यूपी परीक्षा नियामक प्राधिकारी सहित कई स्टेक होल्डर्स पर सवाल उठे। इसी कड़ी में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय को गिरफ्तार किया गया।