नई दिल्ली : 12वीं की परीक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई शीर्ष स्तरीय बैठक के बाद CBSE, CISCE के साथ-साथ कई राज्यों ने भी परीक्षा रद्द करने का ऐलान किया है। लेकिन इस बीच लोगों के मन में लगातार सवाल उठ रहा है कि परीक्षा नहीं होने की स्थिति में नतीजे कैसे तैयार होंगे और छात्रों का मूल्यांकन किस तरह होगा। सीबीएसई ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट की है।
सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने बुधवार को इस संबंध में छात्रों, अभिभावकों, स्कूलों की चिंता को दूर करते हुए कहा कि इसके लिए मानदंड सुनिश्चित किए जा रहे हैं और उन्हें कुछ वक्त इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम 12वीं कक्षा के मूल्यां के मानदंडों को तय करने की प्रक्रिया में हैं। जैसे ही यह फाइनल होगा, इसकी जानकारी दी जाएगी। छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को थोड़ा इंतजार करने की जरूरत है।'
उन्होंने हर किसी से धैर्य रखने और इसे लेकर किसी तरह का डर या आशंका मन में नहीं रखने की अपील भी की और रिजल्ट को लेकर वे पैनिक न हों।
12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए लिया गया है। इससे पहले संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बीच सीबीएसई ने 14 अप्रैल को 10वीं की परीक्षा रद्द करने और 12वीं कक्षा की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी। 12वीं की परीक्षाओं को लेकर फैसला 1 जून को आने की बात कही गई थी। 1 जून को इस मसले पर पीएम मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि व्यापक विमर्श के बाद यह फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। ऐसे तनाव भरे माहौल में छात्रों पर परीक्षा में शामिल होने का दबाव नहीं डाला जाना चाहिए। सरकार को उनके स्वास्थ्य के साथ ही उनके भविष्य की सुरक्षा की भी चिंता है। परीक्षाएं हमारे युवाओं को जोखिम में डालने का कारण नहीं बन सकतीं। सभी हितधारकों को विद्यार्थियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा रद्द करने की घोषणा की, लेकिन रिजल्ट को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, जिसे देखते हुए लोगों के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। रिजल्ट को लेकर सीबीएसई की ओर से सिर्फ इतना कहा कि परीक्षा परिणाम समयबद्ध तरीके से अच्छी तरह से परिभाषित वस्तुनिष्ठ मानदंडों के अनुसार तैयार किए जाएंगे। सीबीएसई ने हालांकि यह भी कहा कि अगर कोई छात्र अपने परीक्षा मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं है तो उसे परीक्षा में शामिल होने का विकल्प होगा। बोर्ड माहौल अनुकूल होने के बाद परीक्षा का आयोजन करेगा।
वहीं, काउंसिल फॉर द इंडियन सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (CISCE) ने भी इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (ISC) बोर्ड परीक्षा (12वीं कक्षा) रद्द करने की घोषणा की और रिजल्ट को लेकर कहा कि इस बारे में फैसला लिया जाना अभी बाकी है।
इन सबको देखते हुए लोगों के मन में छात्रों, अभिभावकों के मन में रिजल्ट को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। शिक्षक, प्रधानाध्यापक भी इस मसले को लेकर पसोपेश में हैं, जिसे देखते हुए सीबीएसई ने अब महत्वपूर्ण संदेश दिया है।