UP Assembly Elections 2022: बीजेपी सीईसी की बैठक खत्म, केशव प्रसाद मौर्य बोले-2017 से शानदार जीत करेंगे हासिल

इलेक्शन
ललित राय
Updated Jan 13, 2022 | 14:39 IST

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीजेपी ने करीब 172 उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम फैसला ले लिया है, हालांकि औपचारिक ऐलान के लिए केंद्रीय चुनाव समिति की हरी झंडी का इंतजार है।

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UP Assembly Elections 2022:बीजेपी सीईसी की बैठक खत्म, केशव प्रसाद मौर्य बोले-2017 से शानदार जीत करेंगे हासिल 
मुख्य बातें
  • यूपी में 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में चुनाव
  • बीजेपी ने 172 नाम पर लिया फैसला, अब औपचारिक ऐलान का इंतजार
  • 2022 में बीजेपी और एसपी में बताई जा रही है सीधी टक्कर

दिल्ली में बीजेपी सीईसी की बैठक समाप्त हो गई है। बैठक के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 172 उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा 2017 के मुकाबले बीजेपी की शानदार जीत होगी। देश के सबसे बड़े सूबों में से एक यूपी चुनावी घमासान के लिए तैयार है।  बुधवार को बीजेपी कोर कमेटी की बैठक हुई जिसमें करीब 172 उम्मीदवारों के नाम पर प्रारंभिक चर्चा हुई थी। ये वो नाम हैं जो पहले, दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे, हालांकि अभी नाम का ऐलान नहीं किया गया है। 

300 सीटों पर चर्चा, 172 नाम पर अंतिम फैसला
बताया जा रहा है कि बुधवार को करीब 300 सीटों पर पर चर्चा हुई और 172 नामों पर अंतिम फैसला लिया जा चुका है। इन नामों को बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति के सामने पेश किया जाएगा जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। सीईसी की मुहर के बाज बीजेपी सार्वजनिक तौर पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर देगी।

यूपी में सात चरणों में चुनाव
बुधवार की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान मौजूद थे।बता दें कि पहले चरण में 58 सीट, दूसरे चरण में 55 और तीसरे चरण में 59 सीटों पर मतदान होगा। सूत्रों के मुताबिक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कहां से चुनाव लड़ेंगे इस पर भी चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि वो अयोध्या से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। जानकार बताते हैं कि 2017 में जिस तरह से बीजेपी ने जिस सामाजिक समीकरण को साधा था, ठीक उसी नक्शेकदम पर समाजवादी पार्टी ने भी 2022 को फतह करने के लिए फैसला किया है। समाजवादी पार्टी का यह फैसला किस हद तक उसे चुनावी फायदा पहुंचाएगा यह देखने वाली बात होगी। 

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