UP Election 2022: सपा गठबंधन में दरार ! क्या सहयोगियों से वादाखिलाफी कर रहे हैं अखिलेश?

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अमित कुमार
अमित कुमार | DEPUTY NEWS EDITOR
Updated Feb 17, 2022 | 18:53 IST

UP Election News 2022: उत्तर प्रदेश चुनाव अपने तीसरे चरण में पहुंच गया है। इस बीच अखिलेश यादव की समावादी पार्टी को बड़े झटके लग रहे हैं और उन पर सहयोगी दलों ने वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।

UP Election 2022 Rift in SP alliance! Akhilesh Yadav is feeling big shock
UP Election 2022: सपा गठबंधन में दरार ! अखिलेश लग रहे हैं बड़े झटके 
मुख्य बातें
  • BJP को झटका देने की कोशिश में जुटे अखिलेश को झेलनी पड़ रही है नाराजगी
  • अखिलेश की सपा को लेकर कई वर्गों में नाराजगी
  • सपा के सहयोगी दलों ने लगाया वादे से मुकरने का आरोप

नई दिल्ली: पूर्वांचल में बीजेपी को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहे अखिलेश को खुद अब झटके लग रहे हैं। चुनाव से पहले छोटी जातियों की पार्टी को जोड़ कर अखिलेश यादव यूपी में खुद को मजबूत कर लिया था लेकिन अब पूर्वांचल में बिखर रहा है समाजवादी पार्टी का गैर यादव ओबीसी गठबंधन। मतदान से पहले पूर्वांचल में सपा के सहयोगी दल सीटों के बंटवारे से बेहद नाराज है और अब खुलकर अपनी नाराजगी दिखा भी रहे है। सपा के सहयोगी पार्टियों के नेताओं ने अखिलेश यादव पर वादों से मुकरने का आरोप लगाया है।

अखिलेश ने किया है छोटे दलों से गठबंधन

दरअसल 2017 चुनाव से पहले अमित शाह ने यूपी में जिसतरह गैर यादव छोटी ओबीसी  दलों को जोड़कर यूपी में 300 सीट का आंकड़ा पर कर सत्ता में वापसी की थी। उसी तर्ज पर पूर्वांचल में अखिलेश ने संजय चौहान, केशव देव मौर्य, ओमप्रकाश राजभर और कृष्णा पटेल के राजनीतिक दलों से समझौता कर मजबूत गठबंधन खड़ा कर दिया । लेकिन समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश के कुछ फैसले ने उनके नए सहयोगियों को परेज़हां कर दिया। जानकारी के मुताबिक संजय चौहान के एक भी प्रत्याशी को अखिलेश ने टिकट नही दिया उल्टे दारा सिंह चौहान को पार्टी में शामिल कर लिया जिससे संजय चौहान नाराज हो गए। वहीं केशव देव मौर्या बड़ी मुश्किल से अपने बेटे और पत्नी को ही टिकट दिला पाए जबकि अखिलेश ने वादा कुछ और किया था।

वादाखिलाफी का आरोप

इस चुनाव में अखिलेश के साथ साथ कंधा से कंधा मिलाकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले और योगा सरकार को उखाड़ फेंकने का दावा करने वाले ओमप्रकाश राजभर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। राजभर से अखिलेश ने 18 सीटों का वादा किया गया जिसके बाद राजभर ने सपा को अपना समर्थन दिया । लेकिन अब ये हालत है कि खुद उनकी सीट जहूराबाद में समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेत्री शादाब फातिमा अड़ी हुई हैं।

सपा की कलई खुली

इसी तरह कृष्णा पटेल जो अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष हैं और जिन्हें खुद अखिलेश यादव सार्वजनिक तौर पर पटेल राजमाता सम्बोधित कर चुके हैं। यही नही पटेल समाज मे बड़ा संदेश देने के लिए  सेन्ट्रल चेयर दिया था। उनकी भी 16 सीटों पे सहमति बनने के बावजूद कुल पाँच प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए। उनमें से तीन पर भी समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। कुल मिलाकर अखिलेश यादव और समाजवादी मिलाकर पार्टी ने पिछड़े वर्ग को साथ लेकर चलने के की जो बात की जा रही थी उसकी कलई खुलने लग गई। सपा के सहयोगी ये नेता को समझ नही आ रहा है कि अब करे तो क्या करे।

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