Sushant Singh Rajput: एक सपना आखिर बीच रास्ते में ही क्यों टूट गया?

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बीरेंद्र चौधरी
बीरेंद्र चौधरी | सीनियर न्यूज़ एडिटर
Updated Jun 15, 2020 | 21:10 IST

Sushant Singh Rajput: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर सुनकर हर कोई हैरान है। अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि सुशांत सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं।

Sushant Singh Rajput Why did a dream break in the middle bollywood news
सुशांत सिंह राजपूत: एक सपना बीच रास्ते में ही क्यों टूट गया?  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • एक छोटे शहर से मायानगरी तक आसान नहीं रहा सुशांत सिंह राजपूत का करियर
  • बगैर किसी गॉडफॉदर के उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में हासिल किया था खास मुकाम
  • सुशांत के सुसाइड से उठ रहे हैं कई सवाल, बॉलीवुड को भी देने चाहिए जवाब

नई दिल्ली: सुशांत बिहार के पूर्णिया का रहने वाले थे और उसका ननिहाल खगड़िया है। उसके सपनों की यात्रा पूर्णिया से पटना और पटना से दिल्ली होते हुए मुंबई पहुंची थी। अनगिनत सपनों को लेकर मुंबई पहुंचे सुशांत ने कम उम्र में ही वो मकाम हासिल किया जो हर किसी का सपना होता है।

मेधावी छात्र सुशांत

सुशांत दिल्ली में स्कूली पढाई ख़तम करने के बाद इंजीनरिंग एंट्रेंस  तैयारी करते हैं।  मेधावी छात्र होने के नाते वो इंजीनियरिंग के 11 एंट्रेंस टेस्ट में पास करतें हैं लेकिन चुनते हैं दिल्ली  इंजिनीरिंग कॉलेज। सपनों में जीने वाले सुशांत वहां कहाँ रुकने वाले थे। चार वर्ष के कोर्स में से सिर्फ तीन वर्ष पढाई करके बीच में ही छोड़ देते हैं। 

टेलीविज़न की चकाचौंध दुनियां में एंट्री

सुशांत टेलीविज़न की स्मॉल स्क्रीन की दुनिया में एंट्री मारते हैं और देखते ही देखते थोड़े ही दिन में सुशांत अपने  टैलेंट, लगन और मेहनत की बदौलत खुद को स्थापित कर लेते हैं। अब वो टीवी सीरियल्स के जरिए हाउसहोल्ड एक्टर बन जाते हैं। लेकिन सपनों के सौदागर सुशांत शांत रहने वालों में से नहीं थे क्योंकि उनके सपनों की यात्रा का पड़ाव तो कहीं और था और चल पड़े अपने  पड़ाव की ओर।

बॉलीवुड की मायावी दुनिया

सुशांत का अगला पड़ाव सपनों का शहर मुंबई था जिसे मायानगरी भी कहा जाता है। एक प्रतिभाशाली कलाकार सुशांत यहाँ भी अपनी पहचान थोड़े समय में ही बना लेते हैं और बॉलीवुड के दिग्गज कुनबों को सोचने के लिए मजबूर कर देते हैं कि एक आउटसाइडर भी, जिसका बॉलीवुड के किसी परिवार से कोई रिश्ता नहीं है लेकिन अपने दम खम की बदौलत वो भी कुछ करके दिखा सकता है। सुशांत ने साबित करके दिखा दिया कि वह एक स्मार्ट, इंटेलीजेंट, कमिटेड और हार्डवर्किंग एक्टर हैं। मैं बहुत फ़िल्में नहीं देखता लेकिन कभी कभार जरूर देखता हूँ। इसी कभी कभार के दौर में मुझे सुशांत का 'एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' फिल्म देखने का मौका मिला और उसी फिल्म को देखने के बाद हमें ये अहसास हुआ कि सुशांत एक शानदार कद के कलाकार हैं और उस कलाकार में एक कलाकारी की चमक के साथ साथ पॉजिटिविटी और डेटर्मिनेशन दोनों है। मैं फिल्म का जानकार नहीं हूँ लेकिन फिल्म के दिली तार को तो जरूर समझता हूँ ।  

 

क्या है बॉलीवुड की इनसाइडर, आउटसाइडर थ्योरी?

बॉलीवुड के इनसाइडर वो हैं जो बॉलीवुड के किसी न किसी परिवार से जुड़े हैं और उनके लिए फिल्मों में आना बिलकुल आसान होता है क्योंकि उनमें क्षमता नहीं देखी  जाती बल्कि देखी ये जाती है कि ये फलां बॉलीवुड परिवार के बेटे हैं या बॉलीवुड परिवार की बेटी हैं।  इनसाइडर की योग्यता होती है फॅमिली, ना कि टैलेंट जो वर्षों से होता आ रहा है और आगे भी यही होता रहेगा क्योंकि इस रैकेट को तोड़ना ऑलमोस्ट असंभव ही है।

बॉलीवुड के आउटसाइडर वो हैं जिनका बॉलीवुड के किसी परिवार से कोई रिश्ता नहीं होता है और वो नए कलाकार भारत के छोटे छोटे शहरों से अपने सपनों को लेकर बॉलीवुड की दुनियां में पहुंचते हैं और उसके बाद उन्हें जिंदगी की असली कहानी का अहसास होता है। उसी दौर में उन नए कलाकारों को आउटसाइडर होने का खामियाज़ा भुगतना पड़ता है। ऐसे आउटसाइडर के एक नहीं बल्कि दर्जनों उदहारण देखने को मिलते हैं।

आप अक्सर देखते होंगे कि बॉलीवुड फैमिली से जुड़े लड़के और लड़कियां आसानी से एक्टिंग का रोल पा जाते हैं और उन्हें कोई खास प्रयास नहीं करना होता क्योंकि वो उनके बेटे हैं या उनकी बेटी। ये कोई नहीं देखता है कि तथाकथित  'बेटे बेटियों 'में कितना टैलेंट है क्योंकि उनको इसकी जरुरत नहीं है। दूसरी तरफ, आउटसाइडर को सारी योग्यताएं होने के बावजूद भी एक्टिंग नहीं मिलती। कोई न कोई बहाना निकाला जाता है कि आप में ये नहीं, आप में वो नहीं है।

आखिर में बॉलीवुड से सवाल

सवाल उठता है कि आखिर सुशांत सिंह राजपूत जैसे  बिंदास युवा एक्टर को सुसाइड क्यों करना पड़ा? उस युवा के सपने बीच में ही क्यों टूट गए? क्या बॉलीवुड सिर्फ बॉलीवुड फॅमिली का है या भारत का?  छोटे छोटे शहरों के बच्चों को बॉलीवुड में हेल्पिंग हैंड्स क्यों नहीं मिलता?  बॉलीवुड के पितामह सरीखे लोग जो आए दिन देश की सारी समस्याओं पर विभिन्न न्यूज़ चैनलों पर ज्ञान बाँटते फिरते हैं उन्हें आपने आज तक कभी यह कहते हुए नहीं सुना होगा आउटसाइडर को भी मौका दो। आखिर में , बड़ी ही दुखद त्रासदी है कि सुशांत सिंह राजपूत जैसे युवा कलाकार के सपनेइस तरह बीच में ही टूट जाते हैं।

(डिस्क्लेमर: लेखक टाइम्स नाउ में न्यूज एडिटर हैं। प्रस्तुत लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और टाइम्स नेटवर्क इन विचारों से इत्तेफाक नहीं रखता है।)

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