मुंबई. कोरोना महामारी के बीच 93वें एकेडमी अवॉर्ड्स सेरेमनी की शुरुआत अमेरिका के लॉस एंजिल्स में हो गई है। इस साल महामारी के कारण केवल 170 लोग ही इस सेरेमनी में शामिल होंगे। भारत से ये अवॉर्ड सबसे पहले कॉस्ट्यूम डिजाइनर भानु अथैया को मिला था।
भानु अथैया को साल 1982 में आई फिल्म गांधी के लिए मिला था। उन्होंने अपना अवॉर्ड ब्रिटिश डिजाइनर जॉन मॉलो के साथ शेयर किया था। गांधी को बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर समेत आठ ऑस्कर अवॉर्ड्स मिले थे।
भानु अथैया को ऑस्कर दिए जाने पर हॉलिवुड में काफी आलोचना की गई थी। आलोचकों का कहना था कि इन कपड़ों में ऐसा क्या खास था जो उन्हें अवॉर्ड दे दिया गया।
वापसी लौटाना चाहती थीं ऑस्कर
बीबीसी से बातचीत में साल 2012 में भानु अथैया ने ऑस्कर ट्रॉफी को लौटाने की इच्छा जताई थी। भानुअ थैया ने कहा था, 'सबसे बड़ा सवाल ट्रॉफी की सुरक्षा का है, भारत में पहले कई अवॉर्ड गायब हुए है। मैंने इतने साल तक अवॉर्ड को इंजॉय किया है, चाहती हूँ कि वो आगे भी सुरक्षित रहे।'
उन्होंने कहा था, 'मैं अक्सर ऑस्कर ऑफिस जाती हूं, मैंने देखा कि वहां कई लोगों ने अपने ट्रॉफी रखे हैं। अमरीकी कॉस्ट्यूम डिजाइनर एडिथ हेड ने भी मरने से पहले अपने आठ ऑस्कर ट्रॉफियों को ऑस्कर ऑफिस में रखवाया था।'
लगान और स्वदेस के किए कॉस्ट्यूम डिजाइन
भानु अथैय्या का जन्म 28 अप्रैल 1929 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। उनका पूरा नाम भानुमति अन्नासाहेब राजोपाथ्याय था। उन्होंने साल 1956 में आई देवानंद की फिल्म 'सीआईडी' से डेब्यू किया था।
भानु अथैय्या ने करीब छह दशक तक 100 से ज्यादा फिल्मों के लिए कॉस्ट्यूम्स डिजाइन किए। इनमें 'प्यासा', 'गाइड', 'सत्यम शिवम सुंदरम', 'चांदनी', 'लगान', 'स्वदेस' जैसी फिल्में शामिल हैं। 15 अक्टूबर 2020 को 91 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था।
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