बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को नहीं लगता कि उनकी कहानी कोई 'सफलता की कहानी' है। दिग्गज स्टार का कहना है कि शोबिज की दुनिया में वह अपनी यात्रा का वर्णन 'किसी तरह से कामयाब' होने के रूप में करेंगे। ऐसा कुछ है, जिसे वह अभी भी करने की कोशिश कर रहे हैं। शुरुआती रिजेक्शन से लेकर सुपरस्टारडम हासिल कर एक होनहार अभिनेता के रूप में पहचान बनाने तक, बॉलीवुड में उनके सफर की कहानी किसी शानदार बायोपिक मटेरियल से कम नहीं है।
अमिताभ ने अपनी फिल्म 'गुलाबो सिताबो' की रिलीज से पहले एक बातचीत में कहा है कि मेरी सफलता की कहानी गलत तरीके से व्यक्त की गई है। यह एक सफलता की कहानी नहीं है, यह 'किसी तरह से कामयाब रही' और अभी भी चल पा रही है।
स्टारडम के शिखर को छूने से लेकर दिवालिएपन के अपने दिनों में असफलता का सामना करने व शोबिज के खेल में वापसी करने तक बिग बी ने यह सब देखा है। वह कहते हैं कि वह अभी भी सीखने की राह पर हैं।
उन्होंने बॉलीवुड की युवा पीढ़ी को 'इम्पेकेबल फॉल्टलेस फैकल्टी' और 'लर्निग डिवाइस' कहा है। 77 वर्षीय दिग्गज अभिनेता ने कहा - अभिनेताओं की युवा नस्ल सबसे बेहतर है। क्षमा करें, वास्तव में मुझे 'नस्ल' शब्द पसंद नहीं है। इससे मुझे घोड़े का ध्यान आ जाता है। युवा पीढ़ी या वर्तमान पीढ़ी के कलाकार एक इम्पेकेबल फॉल्टलेस फैकल्टी हैं। वे एक लर्निग डिवाइस हैं या अधिक वर्तमान समय में मेरी भाषा में कहें तो एक '5-स्टार लर्निग एप' हैं।
गुलाबो सिताबो में दिग्गज अभिनेता के साथ फिल्म में बॉलीवुड स्टार आयुष्मान खुराना ने भी काम किया है। आयुष्मान के बारे में उन्होंने कहा वह एक बहुत ही निपुण, सक्षम और बेहद प्रतिभाशाली कलाकार हैं।
शूजीत सरकार द्वारा निर्देशित फिल्म को थिएटर में रिलीज होना था। हालांकि, कोरोनावायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के चलते बंद सिनेमाघरों के कारण अब इसे एक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जा रहा है।
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