Animal Love in Bollywood Movies: भारतीय फिल्मों में शुरू से ही पशु प्रेम को दर्शाया जाता है। हिन्दी फिल्मों में जानवर कहानी का खास हिस्सा हुआ करते हैं। इसके अलावा साउथ फिल्मों की बात करें तो दक्षिण के फिल्मकार एम.एम.एस. चिनप्पा देवर अपने पशु-प्रेम के लिए मशहूर थे। तेरी मेहरबानियां, जंगली, परिवार इन सभी फिल्मों में जानवर और इंसान के प्रति ऐसा प्रेम है की फिल्म देखने वाले दर्शकों की आंखें नम हो जाती हैं। उनकी ज्यादातर तमिल और हिंदी फिल्मों में 'हाथी मेरे साथी' के बाद जानवर और इंसान, गाय और गौरी, मां और मेरा रक्षक में कहीं शेर, कहीं गाय तो कहीं बकरी मौजूद रही। यह सभी अब तक की वे फिल्में रही जिसमे जानवर और इंसान के बीच प्रेम को दिखाया गया है वहीं इन फिल्मों को देखकर जानवरों के साथ दिल से जुड़ जाते हैं।
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एंटरटेनमेंट
खिलाड़ी कुमार की यह फिल्म लालच के ऊपर आधारित है। फरहाद समजी और साजिद खान के निर्देशन में बनी यह फिल्म। जब फिल्म में अखिल को पता चलता है कि उसका बाप बोहोत अमीर है, तो वह उनकी संपत्ति को लेने के लिए वहा पहुंच जाता है। लेकिन एक कुत्ता जिसका नाम एंटरटेनमेंट होता है सारी प्रॉपर्टी उसके नाम होती है तो अखिल कुत्ते को मारने की हर मुमकिन कोशिश करता है लेकिन वही कुत्ता अखिल की जान बचाता है जब अखिल को अहसास होता है और दौलत छोड़कर अखिल कुत्ते के प्रति प्रेम बन जाता है।
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हाथी मेरे साथी
इस फिल्म में राजेश खन्ना के सुख-दुख के साथी हाथी को बदमाश मार डालते हैं। हाथी की आखिरी विदाई के सीन में दिल छूने वाला गाना था। नफरत की दुनिया को छोड़के प्यार की दुनिया में खुश रहना मेरे यार। इस गाने में आनंद बख्शी ने आसान शब्दों में गहरी बात पिरो दी थी। जब जानवर कोई इंसान को मारे कहते हैं दुनिया में वहशी उसे सारे, इक जानवर की जान आज इंसानों ने ली है चुप क्यों है संसार। यह वे गाने है जो दिल को छू लेते है।
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