लॉकडाउन के दौरान पुलिस पर हमला करने वालों पर फूटा आयुष्‍मान खुराना का गुस्‍सा

कोरोना वायरस लॉकडाउन का पालन कराने के दौरान देशभर में कई जगहों पर पुलिस पर हमले की खबरें सामने आई हैं। इन हरकतों में शामिल लोगों पर आयुष्‍मान खुराना ने नाराजगी जाहिर की है।

Ayushmann khurrana
Ayushmann khurrana 

Ayushmann Khurrana Social media post : कोरोना वायरस लॉकडाउन का पालन कराने के दौरान देशभर में कई जगहों पर पुलिस पर हमले की खबरें सामने आई हैं। कई स्‍थाना पर कोरोना संदिग्‍ध की जांच के लिए पहुंची पुलिस टीम पर भी पत्‍थरबाजी की जानकारी आई हैं। इन हरकतों पर हर उस देशवासी के दिल में गुस्‍सा है जो अपने देश से प्रेम करता है और कोरोना जैसी महामारी से जंग लड़ रहा है।

इन्‍हीं हरकतों पर बॉलीवुड के सितारों ने भी अपनी नाराजगी कई बार जताई है और अब नेशनल अवॉर्ड व‍िनर एक्‍टर आयुष्‍मान खुराना का गुस्‍सा भी ऐसे जाहिलों पर फूटा है। आयुष्‍मान खुराना ने सोशल मीडिया पर लंबी चौड़ी पोस्‍ट लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। 

बता दें कि आयुष्मान खुराना इन दिनों कोरोना वायरस से बचने के लिए घर में बंद हैं और अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। कुछ दिन पहले ही उन्‍होंने एक कविता लिखकर सुनाई थी। इस कविता में कोरोना वॉरियर्स के लिए आयुष्मान का दर्द छलका था। 

आयुष्मान ने कविता शेयर कर लिखा था- 'यह कविता सभी कोरोना योद्धाओं के लिए है, जो हमारे लिए लड़ रहे हैं, हमें बचा रहे हैं। मैंने अपनी ओर से आभार प्रकट करने के लिए इस कविता को लिखा है। मैं आपको सलाम करता हूं। जय हिन्द।'

आयुष्मान की लिखी कविता

हमको तो सिर्फ घर पे रहना है...
वो सामने वाली बिल्डिंग कुछ दिन पहले सील हो गई,
और तब से आस पड़ोस के लोगों की जिंदगी थोड़ी तब्दील हो गई।
उसी बिल्डिंग के नीचे वाली दुकान से तो घर का सामान आता था,
वो बीमारी के बारे में कुछ दिन पहले बता देते तो क्या जाता था।
आज हम डरे हुए हैं, जीवित हैं पर मरे हुए हैं।

आज लगता है कि काश कर दें सब कुछ ठीक, इस दुनिया को करके रिवाइंड,
बट बिलीव मी, दिस इज नथिंग बट द कलेक्टिव कर्मा ऑफ ह्युमन काइंड।
सलाम है उसको जो सड़कें साफ करता है, कचरा लेकर जाता है,
घर का सामान लेकर आता है, और फिर अपने घर जाता है।
पर हमने उनको कभी इज्जत दी ही नहीं, हम पैसे वाले हैं, हमारे बाप का क्या जाता है।

और वो बेचारा डरता है कि कोरोनावायरस उसके परिवार को ना हो जाए,
वो अपने छोटे बच्चे को छू नहीं पाता है,
ये अमीर गरीब का इंसानियत से परे का नाता है,
इस देश को गरीब ही चलाता था, गरीब ही चलाएगा,
हमें इस समय भी सब सुविधाएं गरीब ही दिलाएगा।

अब जब ये सब ठीक हो जाएगा ना, तो इन लोगों को इज्जत देना,
कोई काम छोटा नहीं होता ये बात अपने पल्ले बांध लेना
आज डॉक्टर, नर्सेस, पुलिस, हमारे सिक्युरिटी गार्ड हैं सबसे ज्यादा काम के
और मुझ जैसे बॉलीवुड हीरो, हैं बस नाम के,
हम बस पैसे दे सकते हैं, हथियार दे सकते हैं,
पर लड़ना उनको है, उन्हीं को सब कुछ सहना है।

हमको तो सिर्फ घर पे रहना है...
हमको तो सिर्फ घर पे रहना है...

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