Saif Ali Khan ने 'प्रिवलेज्ड' होने की बात कबूल की, बताई फिल्म इंडस्ट्री की कड़वी सच्चाई

Saif Ali Khan on Privilege: बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान ने 'प्रिवलेज्ड' होने की बात स्वीकार की है। उन्होंने साथ ही फिल्म इंडस्ट्री की कड़वी सच्चाई के बारे में बताया।

Saif Ali Khan
सैफ अली खान 
मुख्य बातें
  • सुशांत की मौत के बाद से बॉलीवुड को लेकर बहस छिड़ गई है
  • लोगो फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म समेत तमाम मुद्दों पर बात कर रहे हैं
  • अब सैफ अली खान ने 'प्रिवलेज्ड' होने की बात कबूल की है

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत से हर कोई हैरान है। किसी को यकीन नहीं आ रहा कि आखिर सुशांत ने आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया? उनके निधन के बाद से नेपोटिज्म और बॉलीवुड की चकाचौंध के पीछे की डरावनी हकीकत पर बहस छिड़ गई है। कई फिल्मी परिवारों से आने वाले एक्टर और एक्ट्रेस को सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया जा रहा है। इस बीच लंबे अरसे से बॉलीवुड में सक्रिय एक्टर सैफ अली खान ने खुद के प्रिवलेज्ड होने की बात कबूल की है। साथ ही उन्होंने कड़वी सच्चाई के बारे में बताते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में अक्सर अच्छे अभिनेताओं को अवसर नहीं दिए जाते हैं। 

Saif Ali Khan

बता दें कि सैफ इंडस्ट्री में कई साल बिताने के बावजूद अपनी दमदार पहचान नहीं बना पाए थे। उन्होंने साल 2006 में विशाल भारद्वाज की 'ओमकारा' फिल्म से अपनी एक्टिंग की काबिलियत के झंडे गाड़े थे। इस फिल्म में उनका लंगड़ा त्यागी का निभाया किरदार काफी सराहा गया था। हाल ही में एक इंटरव्यू में सैफ से पूछा गया कि कैसे काम के पहले दिन कलाकारों और क्रू ने उन्हें 'खान साहब' कहकर संबोधित करना शुरू कर दिया था। 

इस पर सैफ ने कहा कि मैं जिस तरह का व्यक्ति हूं और मैंने जो फिल्में की हैं उससे फर्क पड़ता है। इसके अलावा प्रिवलेज का अहसास और प्रिवलेज की कमी जैसे मुद्दे भी हैं। कई लोग कठिन रास्ते से होकर आते हैं जबकि कुछ आसान तरीके से आते हैं। यह हमेशा से अंडरकरंट होता है। खासकर, उस तरह के कुछ कलाकारों के साथ जो एनएसडी और फिल्म इंस्टीट्यूट से आते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये लोग विशुद्ध रूप से प्रतिभा के माध्यम से आते हैं जबकि हम में से कुछ हमारे माता-पिता और हमारे जन्म के विशेषाधिकार से खुले दरवाजों के कारण आते हैं। 

Saif Ali Khan first job

सैफ ने आगे शूटिंग पर बात करते हुए कहा कि जब आप इस अंडरकरंट के साथ सेट पर होते हैं तो कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। सीन के लिए जो लाइन आपने बाकी लोगों की तरह तैयार की होती है और वो सबको पसंद आ जाए तो अच्छा लगता है। सेट पर मौजूद लोगों का सम्मान अर्जित करना वास्तव में अच्छा अहसास देता है। सैफ ने  विशाल भारद्वाज से 'खान साहब' जैसे कॉम्प्लिमेंट पर कहा कि यह स्पेशल था, क्योंकि वह पहले नसीरुद्दीन शाह के साथ काम कर चुके थे। उन्होंने अंत में कहा कि भारत में बहुत होता है कि अच्छे अभिनेता को अवसर नहीं मिलते हैं जैसे कभी-कभी कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को मिलते हैं।
 

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