Geetkar Ki kahani Lyricist Hasrat Jaipuri Birthday Special: फिल्म 'बरसात' के गाने जिया बेकरार है से लेकर 'अंदाज' के जिंदगी एक सफर है सुहाना तक, फिल्म सेहरा के गाने पंख होते तो उड़ आती रे से लेकर प्रिंस के गाने बदन पे सितारे लपेटे हुए तक, गीतकार हसरत जयपुरी ने हिंदी सिनेमा को दर्जनों सदाबहार नगमे दिए। बॉलीवुड के वो गाने जो सहज जुबां पर आ जाते हैं, उनमें से अधिकतर हसरत जयपुरी की कलम से ही निकले। मशहूर अभिनेता राजेंद्र कुमार और वैजयंती माला की फिल्म सूरज का सुपरहिट गीत 'बहारो फूल बरसाओ, मेरा महबूब आया है' हसरत साहब की कलम का ही नायाब नमूना है।
1966 में आई टी प्रकाश राव की इस फिल्म का संगीत शंकर जयकिशन ने दिया था। वहीं इस फिल्म के गीतकार थे शैलेंद्र और हसरत साहब। शैलेंद्र ने जहां 'देखो मेरा दिल मचल गया' और 'तितली उड़ी उड़ जो चली' को कलमबद्ध किया था, वहीं हसरत जयपुरी ने 'कैसे समझाऊं बड़ी नासमझ हो, इतना है तुमसे प्यार मुझे, चेहरे पर गिरीं जुल्फें, बहारो फूल बरसाओ और ओ एक बार आता है दिन ऐसा' जैसे पांच गाने लिखे। यह सभी गाने खूब छाए और फिल्म जबरदस्त पसंद की गई।
इस फिल्म के गाने बहारो फूल बरसाओ को उस दौर में तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले। पहला अवार्ड सर्वश्रेष्ठ गीतकार का हसरत साहब को, दूसरा सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का शंकर जयकिशन को और तीसरा इस गाने को आवाज देने वाले मोहम्मद रफी साहब को। यह गाना जब से आया तब से अब तक हर शादी में बजाया जाता है।
ऐसे मिला था पहला ब्रेक
1940 में हसरत साहब जयपुर से बॉम्बे (अब मुंबई) आए थे और यहां आकर बस कंडक्टर की नौकरी शुरू की। इस पेशे से उन्हें ग्यारह रुपये मासिक वेतन मिलता था। नौकरी के साथ वह मुशायरों में हिस्सा लेते थे। एक मुशायरे में, पृथ्वीराज कपूर ने जयपुरी पर ध्यान दिया और उनके लिए अपने बेटे राज कपूर से सिफारिश की। राज कपूर शंकर जयकिशन के साथ फिल्म बरसात की योजना बना रहे थे। इसी फिल्म के लिए उन्होंने अपना पहला गाना 'जिया बेकरार है' लिखा।
जब लिखा- जिंदगी एक सफर है सुहाना
1971 में आई राजेश खन्ना, शम्मी कपूर और हेमा मालिनी की फिल्म अंदाज के लिए हसरत जयपुरी ने गाना लिखा था- जिंदगी एक सफर है सुहाना। यह गाना भी जबरदस्त हिट हुआ और खूब पसंद किया गया। इस गाने को किशोर कुमार ने आवाज दी और इसे कंपोज किया था शंकर जयकिशन ने। किशोर कुमार के गाए वर्जन को राजेश खन्ना पर फिल्माया गया था, वहीं इसके दूसरे वर्जन को मोहम्मद रफी ने आवाज दी जिसे शम्मी कपूर, हेमा मालिनी और राजेश खन्ना पर फिल्माया गया। इस गाने के लिए हसरत साहब को सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।
15 अप्रैल 1922 को हुआ था जन्म
हसरत जयपुरी का जन्म 15 अप्रैल 1922 को जयपुर में इकबाल हुसैन के रूप में हुआ था। यहां उन्होंने मध्यम स्तर तक अंग्रेजी का अध्ययन किया और फिर उर्दू और फारसी की शिक्षा अपने परदादा फिदा हुसैन से हासिल की। उन्होंने पद्य लिखना शुरू किया, जब वह लगभग बीस वर्ष के थे। 17 सितम्बर 1999 को मुंबई में उनका निधन हो गया। आज भले ही हसरत साहब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके सदाबहार नगमे आने वाली पीढ़ियों को भी आनंदित करते रहेंगे।
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