Dilip kumar rejected role of thakur in sholay: शोले फिल्म बॉलीवुड के इतिहास का एक मील का पत्थर है। फिल्म का हर एक किरदार और हर एक डायलॉग आज भी याद किया जाता है। इस फिल्म का हर किरदार अमर हो गया, चाहे वो जय-वीरू का किरदार हो या बसंती का। ठाकुर, गब्बर, सांभा से लेकर हर किरदार को खूब पसंद किया गया। हालांकि इस फिल्म में काम करने वाले सभी कलाकार गब्बर का किरदार ही करना चाहते थे। साल 1975 में रिलीज हुई शोले में ऐसा ही एक किरदार ठाकुर का था, जिसके इर्द-गिर्द पूरी फिल्म की कहानी थी। फिल्म में इस किरदार को संजीव कुमार ने निभाया था।
आपको बता दें कि ये रोल सबसे पहले मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार को ऑफर किया गया था लेकिन उन्होंने इस रोल को करने से मना कर दिया। दिलीप कुमार का कहना था कि ठाकुर के किरदार में वैरायटी नहीं है लेकिन जब इसी किरदार को अभिनेता संजीव कुमार ने अपने अभिनय से अमर बना दिया तो दिलीप कुमार को पछतावा हुआ।
वहीं आपको बता दें कि फिल्म में गब्बर के रोल के लिए एक ऐसे एक्टर की तलाश थी जो इस कैरेक्टर के साथ इंसाफ कर सके। इस रोल के लिए डैनी डेंगजोंगपा पहली पसंद थे और उन्हें इसके लिए साइन भी कर लिया गया था। लेकिन डैनी ने फिरोज खान की फिल्म धर्मात्मा को लेकर कमिटमेंट किया हुआ था जिसके चलते उन्हें 'गब्बर' का रोल छोड़ना पड़ा।
बता दें कि 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई शोले हिंदी सिनेमा की सफलतम फिल्मों में से एक है। इस फिल्म को सलीम-जावेद ने लिखा था जबकि इसका निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था। 30 मिलियन के बजट से बनी इस फिल्म ने 350 मिलियन की कमाई की थी। यह फिल्म रामगढ़ नाम के एक गांव के इर्दगिर्द बुनी गई थी जहां गब्बर सिंह नाम के डाकू का आतंक था।
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