Dilip Kumar untold story:घुटनों के बल चलकर दिलीप कुमार के घर पहुंचे थे राज कपूर, निभाया था अपना ये पुराना वादा

Dilip Kumar Untold story: दिलीप कुमार और राज कपूर की दोस्ती 50 और 60 के दशक में काफी चर्चा में रही थी। जानिए ये किस्सा जब दिलीप कुमार की शादी के बाद घुटनों के बल चलकर उनके घर गए थे राज कपूर...

Dilip Kumar, Raj Kapoor
Dilip Kumar, Raj Kapoor 
मुख्य बातें
  • दिलीप कुमार, राज कपूर और देवानंद बॉलीवुड की पहली सुपरस्टार तिकड़ी थी।
  • दिलीप कुमार और राज कपूर कॉलेज के वक्त से काफी अच्छे दोस्त थे।
  • अपना वादा पूरा करने के लिए राज कपूर घुटनों के बल चलकर दिलीप कुमार के घर गए थे।

मुंबई. दिलीप कु्मार के निधन के साथ एक युग का  भी अंत हो गया है। दिलीप कुमार, देवानंद और राज कपूर फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार की पहली तिकड़ी थी। तीनों में जहां प्रतिस्पर्धा थीं, वहीं ये बेहद अच्छे दोस्त भी हुआ करते थे। इसकी मिसाल है राज कपूर का किया वादा जो उन्होंने  दिलीप कुमार की शादी के बाद निभाया था।

राज कपूर अक्सर मीडिया इंटरव्यू में कहा करते थे कि अगर कभी उनका दोस्त दिलीप कुमार शादी कर लेगा तो वह घुटनों के बल चलकर उनके घर जाएंगे। दिलीप कुमार ने साल 1966 में सायरा बानो से शादी की थी। दिलीप कुमार की शादी के बाद राज कपूर ने अपना वादा निभाया। वह घुटनों के बल चलकर दिलीप कुमार के घर गए थे। यही नहीं, शादी में घोड़ी लाने वालों में थे राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर और शशि कपूर।

The women Dilip Kumar really loved

जब राज कपूर ने की शरारत 
दिलीप कुमार और राज कपूर कॉलेज के दिनों से अच्छे दोस्त हुआ करते थे। दिलीप कुमार अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखते हैं, 'राज कपूर दिखने में खूबसूरत थे, कॉलेज में काफी मशहूर, खासकर लड़कियों में। जबकि वह खुद को औसत और शर्मिला मानते थे। राज कपूर ने ठाना था कि मेरा शर्मीलापन दूर करके रहेंगे। एक बार वह मुझे कोलाबा में सैर कराने के बहाने से ले गए थे। हमारे तांगे की सवारी थी।'

Dilip Kumar, Raj Kapoor, and Dev Anand strike a pose with Pandit Jawaharlal Nehru

लड़कियों को बैठाया दिलीप कुमार के पास 
दिलीप कुमार अपनी किताब में आगे लिखते हैं, 'राज ने अचानक तांगेवाले को रोका। वहां दो पारसी लड़कियां खड़ी थी। राज ने उनसे गुजराती में बातें की और कहा कि क्या हम आपको कहीं छोड़ सकते हैं। वो लड़कियां तांगे पर चढ़ गईं। मेरी तो सांसे थमीं हुई थीं।'

दिवंगत एक्टर आखिर में लिखते हैं, 'राज और वह लड़की हंस-हंसकर बातें कर रहे थे। एक लड़की मेरे बगल में आकर बैठ गई थीं। मेरी तो समझो सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई थी। दरअसल ये राज का तरीका था कैसे मैं औरतों के सामने असहज महसूस करना बंद कर दूं। राज ने अभद्रता नहीं की वह केवल शैतान था।'

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