आईंस्टीन के सिद्धांत को चुनौती देने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह पर बायोपिक, अमिताभ या अक्षय निभा सकते हैं रोल

बॉलीवुड
Updated Dec 04, 2019 | 11:17 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Vashistha Narayan Singh Biopic: गणित (Math) के क्षेत्र में अपनी अलग ही पहचान रखने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह पर डायरेक्‍टर नीरज पाठक फ‍िल्‍म बनाने जा रहे हैं। 

vashishtha narayan singh
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Vashistha Narayan Singh Biopic: गणित (Math) के क्षेत्र में अपनी अलग ही पहचान रखने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह (Vashishtha Narayan Singh) बीते महीने ही इस दुनिया को अलविदा कह गए थे। अब इस महान शख्‍स की प्रतिभा के किस्‍से बताने के लिए डायरेक्‍टर नीरज पाठक ने बायोपिक बनाने की घोषणा की है। नीरज जल्‍द ही गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह पर फ‍िल्‍म बनाने जा रहे हैं। 

नीरज पाठक ने बातचीत में कहा है कि बायोपिक के लिए उनके परिवार से बात हो गई है। यह फ‍िल्‍म उनके जीते जी शुरू नहीं हो पाई इसका उन्‍हें दुख है लेकिन अब ये उन्‍हें श्रद्धांजलि के रूप में होगी। नीरज पाठक ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख हैं कि यह फिल्म वह उनके जीते जी शुरू नहीं कर पाए। अब यह फिल्म उनके लिए एक श्रद्धांजलि के तौर पर हो सकती है।

कौन निभाएगा रोल 
नीरज पाठक ने बताया कि अभिनेता अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन, आमिर खान से लेकर ऋतिक रोशन में से कोई वशिष्ठ नारायण सिंह का किरदार निभा सकता है। इन अभिनेताओं के नाम पर विचार किया जा रहा है। फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी (Farhan Akhtar and Ritesh Sidhwani) की मशहूर कंपनी एक्सेल इंटरटेनमेंट इस फिल्म को प्रोड्यूस करेगी। 

गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने महान वैज्ञानिक आईंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी। उनका गणित इतना सटीक था कि लोग हैरान रह जाते थे। कहा जाता है कि एक अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा में अपोलो के लॉन्चिंग के पहले सभी कंप्यूटर अचानक बंद हो गये थे। जब कंप्यूटर दोबारा ठीक हुए तो उनका और कंप्यूटर का कैलकुलेशन एक तरह का ही था। 

कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय से ली थी पीएचडी की डिग्री
सन 1963 में वे कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में शोध के लिए चले गए। 1969 में उन्होंने कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। चक्रीय सदिश समष्टि सिद्धांत पर किए गए उनके शोध कार्य ने उन्हें भारत और विश्वभर में प्रसिद्ध कर दिया।

अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद कुछ समय के लिए वह भारत आए, मगर जल्द ही अमेरिका वापस चले गए और वॉशिंगटन में गणित के प्रोफेसर के पद पर काम किया। इसके बाद 1971 में सिंह पुन: भारत वापस लौट गए। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर और भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता में भी काम किया। साल 1974 से वे कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो गए थे।

बता दें कि बिहार के भोजपुर के बसंतपुर के रहने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह का पटना में निधन हुआ था। वह करीब 40 साल से सिजोफ्रेनिया बीमारी से पीड़ित थे। दुखद बात ये है कि डेथ के बाद वशिष्ठ नारायण सिंह का पार्थिव शरीर अस्पताल परिसर में काफी देर  तक स्ट्रेचर पर रखा रहा और अस्‍पताल प्रशासन ने एंबुलेंस तक उपलब्‍ध नहीं कराई थी।

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