एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से बॉलीवुड में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) पर फिर से बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया से लेकर फिल्म इंडस्ट्री तक में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) पर बातें हो रही हैं। कई सेलेब्रेटी किड्स को नेपोटिज्म के चलते निशाना बनाया जा रहा है। इस फेहरिस्त में अब नया नाम एक्टर विवेक ओबरॉय का भी जुड़ गया है। ट्विटर पर एक यूजर ने विवेक को नेपोटिज्म का प्रोडक्ट बताया।
विवेक ओबरॉय के पिता सुरेश ओबेरॉय एक जाने-माने एक्टर रहे हैं। इसीलिए यूजर ने सेलेब्रेटी किड्स होने की वजह से विवेक पर निशाना साधा। यूजर ने लिखा कि विवेक ओबेरॉय नेपोटिज्म बॉर्न हैं। हालांकि, विवेक के सपोर्ट में मशहूर डायरेक्टर संजय गुप्ता उतर आए। कांटे, मुसाफिर, शूटआउट एट वडाला और काबिल जैसी फिल्मों को डायरेक्ट कर चुके संजय ने लिखा कि तुम्हें क्या मालूम है। विवेक को पहली फिल्म दिलाने में उनके पिता की कोई भूमिका नहीं थी।
संजय गुप्ता ने यूजर को जवाब देते हुए लिखा, 'ये क्या बकवास है। क्या तुम्हें पता है कि उन्होंने (विवेक ओबेरॉय) रामू की 'कंपनी' फिल्म कैसे हासिल की थी? इस फिल्म को पाने में उनके पिता का कोई रोल नहीं था। विवेक की परफॉर्मेंस इतनी बेहतरीन थी कि उनका डेब्यू सबसे अच्छा माना जाता है।' बता दें कि विवेक ने साल 2002 में राम गोपाल वर्मा की कंपनी से बॉलीवुड में कदम रखा था। फिल्म में उनकी एक्टिंग को काफी सराहा गया था।
वहीं, विवेक ने संजय गुप्ता का सपोर्ट में उतरने के लिए शुक्रिया अदा किया। विवेक ने संजय के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि सच के साथ खड़े होने के लिए शुक्रिया संजय। हम में से कई लोगों ने कठिन रास्ता चुना जहां सिर्फ टैलेंट और योग्यता ही मायने रखती है। अनुचित लगता है जब लोग बिना जानकारी के इस तरह के कमेंट करते हैं। लोगों के ऐसे कमेंट वर्षों के संघर्ष और मेहनत को खराब कर देते हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।