हिंदी सिनेमा की दुनिया मुंबई में बसती है और सुनहरे पर्दे पर अपनी कला का प्रदर्शन करने की चाहत रखने वाला हर कलाकार मायानगरी पहुंचना चाहता है। कई सालों तक वहां की फुटपाथ पर सोकर, भूख की परवाह किए बिना संघर्ष कर कुछ की चाहत पूरी होती है तो कुछ वहां की भीड़ में गुम होकर रह जाते हैं। एक तरह से देखा जाए तो बॉलीवुड पर मुंबई का एकाधिकार है और इसी एकाधिकार के चलते ना जाने कितने ही कलाकारों के सपने पूरे होने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। 1947 से लेकर आज तक ना जाने कितने ही कलाकारों के संघर्ष की कहानियां हमने सुनी हैं। कुछ नवोदित कलाकार तो उन संघषों को सुनकर अपना कदम ही नहीं उठा पाते।
एक विचार जो हर कलाकार के मन में डाल दिया गया है कि मुंबई जाए बिना कलाकार नहीं बना जा सकता है। इस विचार को बदलने की मुहिम छेड़ी जा चुकी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश की सबसे सुंदर फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया है। उन्होंने नोएडा क्षेत्र में भव्य फिल्म सिटी के निर्माण की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 'मायानगरी' की काट के रूप में उत्तर प्रदेश को फिल्म निर्माण का हब बनाना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश फिल्म निर्माण का हब बने और अधिक से अधिक कलाकारों को यूपी में रोजगार मिले, इसके लिए योगी आदित्यनाथ काफी समय से प्रयास कर रहे थे। इसी क्रम में दो महीने पूर्व उन्होंने उत्तर प्रदेश फिल्म नीति की समीक्षा कर उसे सुगम और सरल बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सरकार ने यूपी के नामचीन कलाकारों से संवाद स्थापित किया और फिल्म सिटी के विषय में चर्चा की। उत्तर प्रदेश हिंदी भाषा का उदगम है, कला-साहित्य-संगीत के गुणीजनों की उर्वराभूमि है। फिल्म सिटी का निर्माण रोजगार सृजन की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी प्रयास होगा।
अगर किसी भी जगह को फिल्म निर्माण का हब बनाना है तो उस स्थान की कनेक्टिविटी बेहतर होनी चाहिए। ऐसे में नोएडा हर तरह से मुफीद जगह है। देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा नोएउा से सटे जेवर में बनने जा रहा है। दिल्ली से नोएडा की कनेक्टिविटी 20 से 25 मिनट की है, वहीं उत्तर प्रदेश के बाकी शहरों से भी नोएडा सीधे सीधे जुड़ा हुआ है। यमुना एक्सप्रेस वे की मदद से आगरा, मथुरा, लखनऊ सहित अन्य शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर है। वहीं नोएडा आधुनिक शहर है और फिल्म निर्माण में सहयोग के लिए यहां जरूरत के कलाकार मौजूद हैं। चुंकि नोएडा मीडिया का हब है, ऐसे में यहां कैमरामैन, मेकअप आर्टिस्ट, लाइट ऑपरेटर, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर का काम समझने वाले लोग उपलब्ध हैं।
हर साल दर्जन भर फिल्मों की शूटिंग उत्तर प्रदेश में ही होती है और अधिकांश फिल्में/वेबसीरीज यूपी की कहानियों पर आधारित होती है। यहां की शूटिंग लोकेशंस लाजवाब हैं। वाराणसी, आगरा, लखनऊ, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, नोएडा, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, मेरठ आदि फिल्म मेकर्स की पसंदीदा शूटिंग लोकेशंस हैं। इसके साथ ही यू.पी. फिल्म पॉलिसी को सुगम बनाया गया है ताकि सिंगल विंडो से फिल्म शूटिंग की अनुमति मिल सके और फिल्मों को सब्सिडी मिल सके। यूपी में फिल्मकारों को सिंगल विंडो पोर्टल से घर बैठे अनुमति मिलेगी। नवंबर तक इसे सेवा को शुरू करने की कोशिश है। इतना ही नहीं फिल्मकारों की समस्याओं का भी ऑनलाइन समाधान पोर्टल के माध्यम से होगा। पोर्टल पर निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, पटकथा लेखक सबसे लिए अलग अलग स्लॉट होगा।
अमिताभ बच्चन की गुलाबो सिताबो, आयुष्मान खुराना की बाला और ड्रीमगर्ल, कार्तिक आर्यन की 'पति, पत्नी और वो', अजय देवगन की रेड, अक्षय कुमार की जॉली एलएलबी2, सलमान खान की सुल्तान का अहम हिस्सा जैसी अनगिनत फिल्में उत्तर प्रदेश की ही कहानियां हैं और यहां पर ही शूट की गई हैं। विशाल व विविध होने की वजह से एक ही राज्य में फिल्म मेकर्स को मिनी इंडिया मिल जाता है। एक तरह से कहें तो यूपी में पूरा भारत बसता है।
नोएडा में फिल्म सिटी बनने से लोकल टैंलेंट को काम मिलेगा, ऐसा कलाकारों का मानना है। जाने माने गीतकार मनोज मुंतशिर कहते हैं कि "मुद्दत के बाद उसने जो की लुत्फ़ की नगाह, जी खुश तो हो गया मगर आंसू निकल पड़े। कल तक जो सिर्फ़ एक विचार था, आज उसे आकार मिलता हुआ दिख रहा है। वहीं मालिनी अवस्थी कहती हैं कि यूपी सूर, कबीर, तुलसी, खुसरो, रैदास, निराला, महादेवी, फिराक, जिगर की धरती है और इस प्रदेश ने हिंदी उर्दू को आकार दिया है। मदर इण्डिया, गंगा-जमुना से लगान तक फिल्मों में दिखाए जाने वाले गांव की परिकल्पना में यूपी के गांव को ही दिखाया जाता है। यहां की कहानी और किस्सों से सिनेमा रोशन है।
भजन सम्राट और बिग बॉस सीजन 12 के कंटेस्टेंट अनूप जलोटा ने इस फैसले पर कहा कि- 'यूपी के टैलेंट की वजह से ही मुंबई फ़िल्म इंडस्ट्री चमक रही है। अब यूपी में ही फिल्म सिटी बनने से यूपी चमकेगा।' वहीं भोजपुरी एक्टर और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने के प्रस्ताव को लेकर कहा कि यह खुशी की बात है। इससे दुनिया तक भारत के सिनेमा की पहुंच होगी। उन्होंने कहा कि अगर ये फिल्म सिटी नोएडा में बनती है तो इससे काफी ज्यादा विकास होगा। यूपी में बनने वाली फिल्म सिटी में रिकॉर्डिंग, एडिटिंग आदि हर प्रकार की सुविधाएं मिलनी चाहिए। इससे यूपी की फिल्म सिटी मुंबई के मुकाबले की हो जाएगी।
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