मुंबई. हीरो नंबर वन यानी गोविंदा ने आर्थिक तंगी के कारण बेहद छोटी उम्र में फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। गोविंदा ने हाल ही में सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन प्रो म्यूजिक लीग में हिस्सा लिया था। इस दौरान गोविंदा ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह कभी चॉल से बाहर आ पाएंगे।
गोविंदा ने शो में कहा, 'मुझे याद है कि मेरी मां की खूबसूरत आवाज सुनकर ही हमारे दिन की शुरुआत होती थी। हम उनसे पूछा करते थे कि वह इतनी प्रार्थना क्यों करती हैं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि उस चॉल से बाहर निकल पाऊंगा। ये सब कुछ इस कारण हुआ क्योंकि मेरी मां का मेरे ऊपर विश्वास था। हमारा अपना घर होना, सफल होना ये सभी मेरी मां की ही मेहनत और उनके आशीर्वाद का नतीजा है।
गोविंदा ने कहा- 'मैं चंद भाग्यशाली लोगों में'
गोविंदा ने शो में पहुंचकर कहा, 'मैं ये जरूर कहूंगा कि बहुत ही कम ऐसे भाग्यशाली लोग होते हैं जिन्हें अपने माता-पिता की सेवा करने और उनकी देखभाल करने का मौका मिलता है। मैं उन चंद भाग्यशाली लोगों में से हूं कि मुझे अपने माता-पिता की सेवा करने का मौका मिला। मैं वास्तव में आभारी हूं।' आपको बता दें कि गोविंदा के पिता अरुण आहूजा एक फिल्म प्रोड्यूसर थे। फिल्में फ्लॉप होने के कारण उनके पिता की आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था।
छोड़ना पड़ा था बंगला
गोविंदा के पिता बीमार रहने लगे और कार्टर रोड के बंगले से उनके परिवार को विरार जाकर रहना पड़ा जहां गोविंदा का जन्म हुआ। वहीं, गोविंदा की मम्मी निर्मला देवी एक फिल्म एक्ट्रेस और हिंदुस्तानी क्लासिकल सिंगर थीं।
गोविंदा ने कहा, 'मैंने बहुत संघर्ष किया है। ये काफी मुश्किल था। जब मैं संघर्ष कर रहा था, तो लोगों ने मेरे लिए मुश्किल बढ़ा दी थीं।मैंने सुना था और देखा था कि बच्चन सर के साथ क्या हुआ था, लेकिन ये अंदाजा नहीं था कि ये मेरे साथ भी होगा। वो इससे उबरे, ये प्रेरणादायी था।'
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