मुंबई. एक्टर इरफान खान की 29 अप्रैल को दूसरी डेथ एनिवर्सरी है। इरफान खान दो साल तक न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर से जूझ रहे थे। 29 अप्रैल 2020 को इरफान खान ने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में आखिरी सांस ली थी। उनकी मौत के बाद काफी वक्त तक फैंस सदमे में रहे थे। वहीं, इरफान खान की एक इच्छा आखिरी वक्त तक पूरी नहीं हो सकी थी।
इरफान खान के निधन से तीन दिन पहले उनकी मम्मी का निधन हुआ था। इरफान अपनी मम्मी के बेहद करीब थे। मां के निधन की खबर सुनने के बाद वह उनके अंतिम दर्शन करना चाहते थे। हालांकि, कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में उनकी ये ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी। वहीं, मां के निधन की खबर सुनने के बाद इरफान बुरी तरह से टूट गए थे। इसके दो दिन बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया था। इरफान की मम्मी भी चाहती थीं कि उनका बेटा जल्द से जल्द ठीक हो जाए।
आखिरी वक्त में भी मां को किया याद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इरफान आखिरी वक्त में भी अपनी मम्मी को याद कर रहे थे। बॉम्बे टाइम्स की खबर के मुताबिक वह अपनी मम्मी से कह रहे थे कि, 'देखो अम्मा कमरे में आ गई हैं।' इरफान के बेटे बाबिल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, 'पापा के निधन से दो तीन दिन पहले मैं अस्पताल में था। वह अपने होश खो रहे थे। उन्होंने पहले मुझे देखा और मुस्कुरा रहे थे। उन्होंने कहा, 'मैं मरने वाला हूं। मैं कहा नहीं आपको कुछ नहीं होगा। उनके चेहरे पर मुस्कान थी और सो गए।'
दो साल पहले हो गया था आभास
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में नसीरुद्दीन शाह ने बताया था कि इरफान खान दो साल से जानते थे कि ऐसा कुछ होने वाला है। बकौल नसीर, 'इरफान ने मुझसे कहा मैं देख रहा हूं कि मौत मेरे पास आ रही है।'
आपको बता दें कि इरफान खान का दो साल तक लंदन में इलाज चला था। अपने पीछे वह अपनी वाइफ सुतापा और बेटे बाबिल और अयान को छोड़कर चले गए थे। उनकी आखिरी फिल्म हिंदी मीडियम थी।
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