बॉलीवुड में 250 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके जग्गू दादा यानी जैकी श्रॉफ 1 फरवरी को अपना 63वां बर्थडे मना रहे हैं। 1 फरवरी 1957 में को मुंबई में जन्में जैकी श्रॉफ का बचपन बेहद संघर्षों में गुजरा था। वह बचपन में चॉल में रहा करते थे। यही नहीं, जब वह महज 10 साल के थे तो उनके भाई की भी मौत हो गई थी।
जैकी श्रॉफ ने सिमी ग्रेवाल के इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता एक रईस परिवार से आते थे। उनके पिता ने अपनी भाई के साथ मिलकर एक बिजनेस शुरू किया था। इस बिजनेस में उन्हें काफी झटका लगा था। इसका इल्जाम उनके पिता पर लगा था।
बकौल जैकी श्रॉफ- 'मेरे पिता को घर से निकाल दिया गया था। इसके बाद वह मालाबार हिल स्थित तीन कमरे के एक चॉल में रहने लगे। हमारी चॉल का असली जग्गू दादा मेरा भाई था। बस्ती के लोगों को कभी भी जरूरत पड़ती थी, वह मदद के लिए जरूर आता था।'
दूसरों को बचाते हुए गई जान
जैकी श्रॉफ ने इसी इंटरव्यू में बताया कि मेरे भाई ने एक दिन समुद्र में एक आदमी को डूबते हुए देखा। उसे बचाने के लिए उसने तुरंत छलांग लगा दी थी। हालांकि, उसे तैरना नहीं आता था। इस कारण वह भी डूबने लगा था।
बकौल जैकी श्रॉफ- ' मैंने जब उसे डूबते हुए देखा तो एक केबल लाइन उसकी तरफ फेंकी। उसने वह केबल पकड़ ली, लेकिन कुछ ही वक्त बाद वह केबल उसके हाथ से फिसल गई थी। मैंने खड़े होकर उसे डूबते हुए देखा। इसके बाद मैंने कसम ली कि बस्ती वालों की मदद करुंगा। इस कारण मैं जग्गू दादा बन गया।
टॉयलेट के बाहर लगती थी मेकर्स की लाइन
जैकी श्रॉफ ने 1982 में आई देव आनंद की फिल्म 'स्वामी दादा' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। हालांकि, जैकी श्रॉफ को पहचान सुभाष घई की फिल्म हीरो से मिली थी। इस फिल्म के हिट होने के बाद 80 के दशक में उनकी पॉपुलैरिटी काफी बढ़ गई थी।
जैकी श्रॉफ को हर मेकर अपनी फिल्म में साइन करना चाहता था। कुछ मेकर्स तो टॉयलेट के बाहर खड़े होकर जैकी को साइन करने के लिए तैयार खड़े रहते थे । वर्कफ्रंट की बात करें तो जैकी श्रॉफ पिछले साल सलमान खान की फिल्म भारत और प्रभास की फिल्म साहो में नजर आए थे।
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