मुंबई. बॉलीवुड के जग्गू दादा यानी जैकी श्रॉफ आज (1 फरवरी) अपना 64वां बर्थडे मना रहे हैं। जैकी श्रॉफ का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा था।जैकी श्रॉफ जब छोटे थे तो उनके पिता को घर से निकाल दिया था।
जैकी श्रॉफ ने सिमी गरेवाल को दिए इंटरव्यू में कहा था, 'मेरे पिता को घर से निकाल दिया था। दरअसल मेरे पिता ने अपनी भाई के साथ मिलकर एक बिजनेस शुरू किया था। इस बिजनेस में उन्हें धोखा मिला था।
बकौल जग्गू दादा, 'मेरे पिता पर इसका इल्जाम लगा था। इसके बाद मैं मालाबार हिल स्थित तीन कमरे के एक चॉल में रहने लगे। हमारी चॉल का असली जग्गू दादा मेरा भाई था। बस्ती के लोगों को कभी भी जरूरत पड़ती थी, वह मदद के लिए जरूर आता था।'
भाई की हो गई थी मौत
जैकी श्रॉफ ने बताया था कि वह जब 10 साल के थे तो उनके भाई की मौत हो गई थी। जैकी कहते हैं, 'मेरे भाई ने एक दिन समुद्र में एक आदमी को डूबते हुए देखा। उसे बचाने के लिए उसने तुरंत छलांग लगा दी थी। हालांकि, उसे तैरना नहीं आता था। इस कारण वह भी डूबने लगा था।'
बकौल जैकी श्रॉफ- ' मैंने जब उसे डूबते हुए देखा तो एक केबल लाइन उसकी तरफ फेंकी। उसने वह केबल पकड़ ली, लेकिन कुछ ही वक्त बाद वह केबल उसके हाथ से फिसल गई थी। मैंने खड़े होकर उसे डूबते हुए देखा। इसके बाद मैंने कसम ली कि बस्ती वालों की मदद करुंगा।
चॉल में लगती थी लाइन
जैकी श्रॉफ ने साल 1982 में आई देवानंद की फिल्म 'स्वामी दादा' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। हालांकि, उन्हें पहचान सुभाष घई की फिल्म हीरो से मिली थी।
हीरो फिल्म हिट होने के बाद उनकी चॉल के बाहर मेकर्स की लाइन लग गई थी। कुछ मेकर्स तो टॉयलेट के बाहर खड़े होकर जैकी को साइन करने के लिए तैयार खड़े रहते थे ।
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