Jagjit Singh Birthday: शादी के लिए जगजीत सिंह ने मांगी थी वाइफ के पहले पति से इजाजत

Jagjit Singh Birthday: गजल सम्राट जगजीत सिंह की आज 79वीं जयंती है। जगजीत सिंह ने चित्रा सिंह से शादी की थी। इस शादी के लिए उन्होंने वाइफ के पहले पति से परमिशन मांगी थी। जानिए जगजीत सिंह और चित्रा की लव स्टोरी..

Jagjit Singh
Jagjit Singh 
मुख्य बातें
  • जगजीत सिंह की आज 79वीं जयंती है।
  • जगजीत सिंह का असली नाम जगमोहन धीमान था।
  • जगजीत सिंह की पर्सनल लाइफ काफी दुख और तकलीफों से भरी थी।

मुंबई. गजल सम्राट जगजीत सिंह की आज 79वीं जयंती है। जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था। जगजीत सिंह का निधन साल 2011 में हो गया था। हालांकि, अपनी गजल के जरिए वह फैन्स के बीच आज भी अमर है। जगजीत सिंह की पर्सनल लाइफ काफी दुख और तकलीफों से भरी थी। 

जगजीत सिंह का असली नाम जगमोहन धीमान था। जगजीत सिंह की शुरुआती पढ़ाई जलंधर में हुई थी। जगजीत सिंह ने संगीत की शुरुआती शिक्षा पंडित छगन लाल शर्मा और उस्ताद जमाल खान से ली थी ।जगजीत सिंह के  पिता सरदार अमर सिंह धमानी भारत सरकार के कर्मचारी थे।

जगजीत सिंह के पिता चाहते थे कि वह पढ़ लिखकर आईएएस बने। जगजीत सिंह ने एमए तक पढ़ाई की, लेकिन रिजल्ट आने से पहले ही वह गायिकी में करियर बनाने का सपना लिए मुंबई पहुंच गए। हालांकि, मायानगरी में पेट पालने के लिए उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। उन्होंने कई बड़ी पार्टी और कॉलेज में गाना गाकर पेट पाला। 

 

 

वाइफ से शादी के लिए मांगी थी परमिशन
जगजीत सिंह ने सिंगर चित्रा से शादी की थी। चित्रा पहले से देबू प्रसाद दत्ता से शादी कर चुकी थीं। उनकी एक बेटी मोना भी थी। चित्रा ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्होंने पहली बार जगजीत सिंह की आवाज सुनी तो उन्हें पसंद नहीं आई। बाद में वह उनकी आवाज की दीवानी हो गई थीं।

साल 1968 में चित्रा अपने पति से अलग हो गई थीं। हालांकि, दोनों के बीच तलाक नहीं हुआ। इस दौरान जगजीत सिंह ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा। चित्रा ने जवाब दिया कि मैं पहले से शादी-शुदा हूं। साल 1970 में जगजीत सिंह जगजीत सिंह के पति के पास आए और उनसे शादी की इजाजत मांगी। 

 

 

बेटे की मौत का हो गया था आभास 
साल 1990 में जगजीत सिंह के बेटे विवेक सिंह की कार एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। हालांकि, जगजीत सिंह को अपने बेटे की मौत का पहले से आभास हो गया था। जगजीत सिंह ने उस शाम बांद्रा में शारजहां के शेख अब्दुल अनाम मुखातिर के गेट टुगेदर में 'दर्द से मेरा दामन भर आया' गाना सुनाया था। 

 

 

जगजीत सिंह के दोस्तों के मुताबिक- 'गजल गाते-गाते वह बहुत रोने लगे थे। उन्हें रोते देख हम घबरा गए थे। जगजीत सिंह के रोने का कोई कारण नहीं था। उन्होंने कहा कि दिल घबरा रहा है और मेरा मन नहीं लग रहा है। रात ढाई-तीन बजे उन्हें बेटे की मौत की खबर मिल गई।'

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