Kailash Kher Birthday: बिजनेस में घाटे के बाद कैलाश खेर को आया था सुसाइड का ख्‍याल, टूटी चप्‍पल पहन काटे दिन

Kailash Kher lesser known Facts: कैलाश खेर ने मुंबई में कई साल तक संघर्ष किया और एक मौके का इंतजार किया। वह टूटी चप्‍पल पहनकर ही स्‍टूडियो के चक्‍कर लगाते थे।

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मुख्य बातें
  • बॉलीवुड के मशहूर गायक कैलाश खेर का आज जन्‍मदिन है।
  • 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ का कैलाश का जन्‍म।
  • कैलाश खेर के लिए बॉलीवुड सिंगर बनने की राह आसान नहीं रही। 

Kailash Kher lesser known Facts: बॉलीवुड के मशहूर गायक कैलाश खेर का आज जन्‍मदिन है। 18 भाषाओं में 300 से अधिक गाना गाने वाले कैलाश यूपी के मेरठ से ताल्‍लुक रखते हैं। 'तेरी दीवानी' और 'सैंया' जैसे रूहानी गाने गा कर हर उम्र के लोगों के दिलों पर राज करते हैं कैलाश खेर। कैलाश खेर की शैली भारतीय लोक संगीत से प्रभावित है। 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे Kailash Kher को संगीत मानों विरासत में मिली हो। उनके पिता पंडित मेहर सिंह खेर पुजारी थे और अक्सर घरों में होने वाले इवेंट में गाते थे। पिता का संगीत से लगाव था बावजूद इसके कैलाश खेर के लिए बॉलीवुड सिंगर बनने की राह आसान नहीं रही। 

सिंगर बनने के ल‍िए परिवार से बगावत

13 साल की उम्र में कैलाश खेर मेरठ से दिल्‍ली आ गए थे। इतनी कम उम्र में वो संगीत सीखने घरवालों से लड़कर दिल्ली आए थे। यहां आकर उन्होंने संगीत की शिक्षा लेनी शुरू की और पैसे कमाने के लिए छोटा सा काम शुरू कर दिया। वह विदेशी लोगों को संगीत सिखाते और पैसे कमाते थे। 

जब बिजनेस में हुआ भारी घाटा 

दिल्ली में काफी समय तक रहने वाले कैलाश खेर ने साल 1999 तक अपने एक फैमिली फ्रेंड के साथ एक्सपोर्ट का बिजनेस कर लिया था। लेकिन इस बिजनेस में उन्‍हें भारी घाटा हुआ। उनकी सारी जमा पूंजी खत्‍म हो गई। इस घाटे से कैलाश खेर डिप्रेशन में चले गए। काफी दिन तक डिप्रेशन से जूझने वाले कैलाश को सुसाइड तक के ख्‍याल आने लगे थे। बाद में कैलाश पैसे कमाने के लिए सिंगापुर और थाइलैंड चले गए। 

साधु संतो के साथ रहे (Kailash Kher struggle)

6 महीने तक सिंगापुर और थाइलैंड में रहने के बाद कैलाश खेर भारत आए तो वह ऋषिकेश चले गए। वहां वे साधू-संतो के लिए गाना गाया करते थे। कैलाश के गाने को सुनकर बड़ा से बड़ा संत झूम उठता था। इस बात ने कैलाश खेर का खोया विश्‍वास फ‍िर से लौटा दिया और वह सिंगर बनने का सपना लेकर मुंबई पहुंचे। मुंबई आकर उन्‍हें कई दिन चॉल में गुजारे। आर्थिक हालत बेहद खराब थी। उनके पाल पहनने के ल‍िए सही चप्‍पल तक नहीं थीं। टूटी चप्‍पल से ही वह स्‍टूडियो के चक्‍कर लगाते थे। एक दिन उन्हें राम संपत ने एक ऐड का जिंगल गाने के लिए बुलाया, जिसके लिए उन्हें 5000 रुपए मिले। 

अंदाज फ‍िल्‍म से मिला ब्रेक (Kailash Kher first Song)

कैलाश खेर ने मुंबई में कई साल तक संघर्ष किया और एक मौके का इंतजार किया। इसके बाद उन्‍हें फिल्म अंदाज में गाने का मौका मिला। इस फिल्म में कैलाश ने 'रब्बा इश्क ना होवे' में अपनी आवाज दी। हालांकि उन्‍हें इसके बाद फिल्म वैसा भी होता है में 'अल्ला के बंदे हम' गाना गाकर पहचान मिली। अब तक कैलाश को अपने गानों के लिए दर्जनों अवार्ड मिल चुके हैं। कैलाश खेर 2009 में मुंबई बेस्ड शीतल से शादी की। उनका एक चार साल का बेटा है, जिसका नाम कबीर है। 

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