मुंबई. रामायण की मंथरा, अनारी की मिस डीसा तो श्री 420 की केले वाली बाई जैसे किरदार को निभाने वाली एक्ट्रेस ललीता पवार की गिनती फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास की सर्वश्रेष्ठ एक्ट्रेस में होगी। साल 1916 में नासिक में जन्मीं ललिता का असली नाम अंबा लक्ष्मण राव शगुन था। ललीता पवार की पर्सनल लाइफ काफी परेशानियों से भरी रही है।
ललिता पवार ने महज नौ साल की उम्र में डी सरपोतदर की साल 1928 में आई साइलेंट फिल्म ‘राजा हरिशचंद्र’ से किया था। ललीता पवार ने साल 1930 में मेकर गणपत राव से शादी की थी।
ललिता के पति गणपतराव का अफेयर ललिता की ही छोटी बहन से चल रहा था। ऐसे में उनकी बहन सौतन बन गईं। इस बात की भनक लगते ही ललीता पवार ने अपने पति से तुरंत तलाक ले लिया।
फिल्म प्रोड्यूसर से की दूसरी शादी
ललिता ने फिल्म प्रोड्यूसर राज कुमार गुप्ता से दूसरी शादी की थी। इस शादी से उनका एक बेटा जय पवार है। ललीता पवार की जिंदगी के आखिर दिन अकेलेपन में गुजरी थी। उन्हें जबड़े का कैंसर हो गया था।
ललीता पवार ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘शायद इतने खराब लोगों के रोल किए, उसी की सजा भुगत रही हूं।’24 फरवरी 1998 को पुणे स्थित बंगले में उनका निधन हो गया। बेटे ने कॉल किया तो किसी ने नहीं उठाया। उन्हें मरे हुए तीन दिन हो गए थे।
हादसे ने बदल दी थी लाइफ
ललीता पवार करियर की शुरुआत में लीड एक्ट्रेस थीं। हालांकि, एक हादसे ने उनकी लाइफ बदल दी थी। साल 1942 में ललीता पवार फिल्म जंग ए आजादी की शूटिंग कर रही थीं। फिल्म में उनके अपोजिट भगवान दादा थे।
भगवान दादा ने फिल्म की शूटिंग के दौरान ललीता पवार को गलती से जोरदार थप्पड़ मार दिया। इससे उनकी दाहिने आंख की नस फट गई। उनका तीन साल ट्रीटमेंट चला। ट्रीटमेंट के दौरान उनके शरीर का दाहिना हिस्सा पैरालाइज हो गया। इसके बाद वह चरित्र अभिनय करने लगीं।
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