मुझे प्रेरणा की आवश्यकता होती है तो मैं पहाड़ की तरफ देखता हूं। 'भावना मूल होती है, लेकिन कुछ जीवन के यथार्थ होते हैं, पहाड़ों में बहुत संघर्ष है। पहाड़ में प्रतिभाओं का भंडार है, लेकिन मंच और अवसर नहीं हैं। पहाड़ की आवश्यकताएं और चुनौतियां अलग हैं, प्रगति हुई है, लेकिन उतनी नहीं जितनी होनी चाहिए। ये बातें जाने माने गीतकार एवं कवि प्रसून जोशी ने Times Now Navbharat द्वारा आयोजित #NavnirmanManchUK में कहीं।
'पहाड़ से ताल मिला' सत्र में टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ एवं टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर नाविका कुमार से बातचीत करते हुए प्रसून जोशी ने पहाड़ से निकलकर सफलता का शिखर चूमने की अपनी यात्रा के बारे में बात की। देश के नवनिर्माण में देवभूमि अपनी भूमिका कैसे निभाएगी इस पर प्रसून जोशी ने कहा, 'उत्तराखंड में प्रतिभा की कमी नहीं है, मगर पहाड़ में एक अलग ही संघर्ष होता है। पहाड़ की आवश्यकताएं और चुनौतियां अलग हैं, प्रगति हुई है, लेकिन उतनी नहीं जितनी होनी चाहिए। उत्तराखंड की प्रगति के बारे में सोचने के लिए एक अलग चश्मे से यहां के क्षेत्र को देखने की जरूरत है।'
OTT पर सेंसरशिप को लेकर बोले प्रसून जोशी
OTT पर सेंसरशिप को लेकर प्रसून जोशी ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को समझना चाहिए कि जिनके लिए आप प्रोडक्ट बनाते हैं उनकी भावनाओं का सम्मान करें। जब आप मनोरंजन से प्रॉफिट कमाते हैं तो कोई भी व्यक्ति हो उसे संवेदनशील होना चाहिए और भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। विवाद की जगह संवाद हो तो निष्कर्ष निकलते हैं। सरकार ने ओटीटी पर होने वाले विवादों के नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाए हैं।
आगे कार्यक्रम में प्रसून जोशी ने कहा कि पक्ष-विपक्ष नहीं, आज हमें देश के हित को सर्वोपरि रखकर सोचने की जरूरत है। प्रसून जोशी ने कहा, मैं लेबल्स की परवाह नहीं करता, हमारे यहां कहा गया है कि निंदक को पास रखिए. मगर हम निंदक को सिर पर नहीं बिठाएंगे
इसके बाद #NavnirmanManchUK में शहीद #CDSBipinRawat समेत #IAFhelicopterCrash में शहीद हुए अन्य अधिकारियों और जवानों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। बता दें कि कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखंड में हो रहा है लेकिन प्रसून जोशी वर्जुअली कार्यक्रम में जुड़े थे।
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