अभिनेता मदन पुरी ने बॉलीवुड और पंजाबी फिल्मों में खूब काम किया है। अगर आप उनको पहचान ना पा रहे हों तो दीवार के सामंत को याद करें। वही सामंत जो जिसके गुंडों की पिटाई करने पर विजय यानी अमिताभ बच्चन की अंडरवर्ल्ड में एंट्री होती है और जो बाद में विजय की गर्लफ्रेंड का मर्डर भी करता है। बता दें कि इन्हीं मदन पुरी के खाते में 50 साल का फिल्मी करियर और 430 से भी ज्यादा फिल्मों का क्रेडिट है। उन्होंने 1946 में अहिंसा नाम की फिल्म से अपना करियर शुरू किया था। वहीं कम ही लोग जानते हैं कि वह मोगैम्बो यानी अमरीश पुरी के बड़े भाई थे और बॉलीवुड में उनके करियर की शुरुआत का क्रेडिट भी उन्हीं को जाता है।
मदन पुरी का जन्म 1915 में ब्रिटिश इंडिया के नावनशहर में हुआ था। वह उस दौर के जाने-माने गायक केएल सहगल के कजन थे और उनकी मदद से उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा था। बाद में वह अमरीश को भी फिल्मी दुनिया में ले आए थे। विलेन और करैक्टर रोल्स को मिलाकर मदन की औसत 8 फिल्में हर साल पर्दे पर आती थीं।
मदन पुरी ने अपने समय में कई पंजाबी फिल्मों में भी काम किया था। उनका निधन 13 जनवरी को 1985 में हॉर्ट अटैक से हुआ था। उस समय वह आरपी मसानी रोड पर रहते थे जिसे पंजाबी गली भी कहा जाता है। उनकी कई फिल्में उनके निधन के बाद रिलीज हुई थी जिनमें से आखिरी 1989 में आई संतोष थी।
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