भारत महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह के निधन की खबर से देश को गहरा सदमा लगा है। चार बार के एशियाई स्वर्ण पदक विजेता रहे मिल्खा सिंह को फ्लाइंग सिख के नाम से जाना जाता है। बीती रात 91 साल के मिल्खा सिंह COVID-19 से मिल्खा सिंह अपनी महीने भर की लड़ाई हार गए। जहां देशभर के लोग उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे है। जिस तरह से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को उन्होंने प्रेरित किया ये वाकई शानदार था।
फ्लाइंग सिख की बायोपिक भाग मिल्खा भाग भी खूब पॉपुलर रही। इसे दर्शकों ने खूब सराहा था। साल 2013 में निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने फरहान अख्तर के साथ भाग मिल्खा भाग बनाई थी। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी। ये समीक्षकों द्वारा सबसे ज्यादा सराही फिल्मों में से एक थी, जिसमें मिल्खा सिंह को विशेष श्रद्धांजलि देने के लिए राकेश और फरहान की तारीफ हुई थी।
मिल्खा सिंह ने बायोपिक के लिए ली थी कितनी फीस
आमतौर पर यह माना जाता है कि मशहूर हस्तियां एक फिल्म निर्माता को उनके जीवन पर बायोपिक बनाने की अनुमति देते समय मोटी रकम वसूलती हैं। हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि मिल्खा सिंह ने बायोपिक के लिए अपनी फीस के तौर पर सिर्फ 1 रुपये लिए थे। जी हां, सही पढ़ रहे हैं आप। मिल्खा सिंह ने सिर्फ एक रुपए ही लिया था।
राकेश ओमप्रकाश मेहरा पिक्चर्स प्रा. लिमिटेड के सीईओ राजीव टंडन ने अपने बयान में कहा था, 'हम अपनी फिल्म के माध्यम से मिल्खाजी की कहानी बताने के लिए उनकी सराहना को अमूल्य बनाना चाहते थे। हमने बहुत लंबे समय तक कुछ विशेष की तलाश की। फिर हमने अंत में एक विशेष 1 रुपये के नोट की सोर्सिंग की, जो कि छपा हुआ था 1958।'
क्यों खास था एक रुपए का नोट
नोट की खासियत ये थी कि 1958 में स्वतंत्र भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक मिल्खा सिंह की वजह से जीता था और उन्होंने एशियाई खेलों में भी दो स्वर्ण पदक जीते थे। मिल्खा सिंह जब 1 रुपये का नोट प्राप्त करते थे, तो वे बेहद हिल जाते थे। उसके लिए एक यादगार थी। हालांकि क्विंट की 2016 की रिपोर्ट के अनुसार, मिल्खा सिंह को बाद में उनकी बायोपिक फीस के रूप में 45 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, हालांकि रिकॉर्ड पर इसके बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।