मिस इंग्लैंड रह चुकीं भारतीय मूल की मॉडल भाषा मुखर्जी ने कोरोना पीड़ितों की सेवा के लिए फिर से डॉक्टरी पेशे में लौटने का फैसला किया है। भाषा मुखर्जी केवल 23 साल की हैं। वह पेशे से डॉक्टर हैं। संकट के इस समय में भाषा ने दोबारा इंग्लैंड लौटकर डॉक्टर के रूप में कोरोना की मरीजों की सेवा करने का फैसला किया है। वह अगस्त तक मरीजों के उपचार में जुटी रहेंगी। साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो अपनी सेवाओं को विस्तार देंगी।
भाषा ने कहा कि मानवता के कार्यों के लिए ही उन्हें मिस इंग्लैंड का ताज मिला है। ऐसे में जब दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है तो वह खुद को हालात से अलग नहीं कर सकती हैं। मानवता की सेवा के लिए एक बार फिर उन्होंने डॉक्टरी पेशा अपनाया है। मॉडलिंग से पहले भाषा जूनियर डॉक्टर के पद पर तैनात थीं। वह बोस्टन के पिलिग्रिम हॉस्पिटल में काम करती थीं। भाषा के इस कदम की हर तरफ सराहना हो रही है।
नौ साल की उम्र में पहुंची थी इंग्लैंड
भाषा जब नौ साल की थी जब वह अपने माता-पिता के साथ इंग्लैंड चली गई थी। भाषा ने इसी साल अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है। इसके अलावा उन्होंने टैलेंट राउंड में भारतीय शैली में डांस किया। भाषा अपने नाम की तरह ही पांच भाषाएं बोल सकती हैं। इसमें अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, जर्मन और फ्रेंच शामिल है। वहीं, फाइनल राउंड में भाषा का आईक्यू 146 है। इसे काफी अच्छा माना जाता है। अलबर्ट आइंस्टीन का आईक्यू लेवल 160 था।
साल 2017 में शुरू किया एनजीओ
भाषा एक एनजीओ भी चलाती है। साल 2017 में उन्होंने जेनरेशन ब्रिज नाम का एनजीओ शुरू किया था। भाषा का ये जनरेशन ब्रिज अकेलेपन से जूझ रहे बुजुर्गो की मदद करता है।
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