Shivkumar Sharma dies: मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का निधन का निधन हो गया है। उनके निधन से शुद्धतावादी वाद्य कला का एक युग समाप्त हो गया है। 84 की उम्र में पंडित शिवकुमार शर्मा ने अंतिम सांस ली। जानकारी के अनुसार, पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया। वह पिछले छह महीने से किडनी संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे और उनकी डायलिसिस की प्रक्रिया चल रही थी।
पंडित शिव कुमार शर्मा के निधन से संगीत जगत को जो क्षति पहुंची है उसे भर पाना बस में नहीं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रख्यात संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि सरल स्वभाव और आत्मा को सम्मोहित करने वाले संगीत कला के पारंगत पंडित शिवकुमार जी मां सरस्वती के अनन्य साधक थे। कला-संगीत के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से अलंकृत किया था। आज उनके निधन से संगीत जगत में एक विराट शून्य उत्पन्न हुआ है।
पंडित शिव कुमार शर्मा का सिनेमा जगत में अहम योगदान रहा। बता दें कि इनके पिता ने इन्हें तबला और गायन की शिक्षा तब से आरंभ कर दी थी, जब ये मात्र पांच वर्ष के थे। इनके पिता ने संतूर वाद्य पर अत्यधिक शोध किया और यह दृढ़ निश्चय किया कि शिवकुमार प्रथम भारतीय बनें जो भारतीय शास्त्रीय संगीत को संतूर पर बजाएं। तब इन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही संतूर बजाना शुरू किया। शिवकुमार शर्मा संतूर के महारथी होने के साथ साथ एक अच्छे गायक भी थे।
शर्मा जी को कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कार मिले। इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और पद्मश्री एवं पद्म विभूषण से भी अलंकृत किया गया था। उन्होंने कई सुपरहिट गानों में संगीत दिया। सबसे प्रसिद्ध गाना फिल्म 'चांदनी' का 'मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां' रहा, जो दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी पर फिल्माया गया था।
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