Raaj Kumar Birthday Know about His Family: बॉलीवुड में अपनी आवाज से अलग पहचान रखने वाले दिग्गज सुपरस्टार राज कुमार हिंदी सिनेमा का वो नायाब हीरा थे, जिसकी चमक उसके चले जाने के बाद भी दिखाई देती है। जब भी बॉलीवुड के दिग्गज कलाकारों की बात होगी तो उनमें राज कुमार का नाम जरूर शामिल होता है। आज यानि 8 अक्टूबर को राज कुमार का जन्मदिन है। उनका जन्म 8 अक्टूबर 1926 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। राज कुमार उनका फिल्मी नाम था। उनके माता पिता ने उन्हें जो नाम दिया और जिस नाम से वह फिल्मों में आने से पहले तक जाने जाते थे वह था 'कुलभूषण पंडित'।
बॉलीवुड का एक ऐसा फनकार जिसके डायलॉग आज भी मुहावरों की तरह इस्तेमाल होते हैं। अपने अंदाज और संवाद अदायगी से जिसने लाखों फैंस को अपना दीवाना बनाया था। कई दशक तक सिनेमा पर राज करने वाले राज कुमार ने कई हिट फिल्में दीं। एक दौर था जब राज कुमार का किसी फिल्म में होना ही उसके हिट होने की गारंटी था। पैगाम, वक्त, नीलकमल, पाकीजा, मर्यादा, हीर रांझा, सौदागर जैसी बेहतरीन फिल्मों में राज कुमार का अभिनय देखने को मिला। हालांकि यह भी सच है कि राज कुमार का असली नाम बहुत कम लोगों को मालूम है।
सब इंस्पेक्टर से बने एक्टर
राज कुमार फिल्मों में आने से पहले मुंबई के माहिम थाने में सब इंस्पेक्टर थे। एक दिन रात में गश्त के दौरान एक सिपाही ने राज कुमार से कहा कि हजूर आप रंग-ढंग और कद-काठी में किसी हीरो से कम नहीं है। फिल्मों में यदि आप हीरो बन जाएं तो लाखों दिलों पर राज कर सकते हैं। कुछ समय बाद निर्माता बलदेव दुबे थाने में पहुंचे और राज कुमार के बातचीत करने के अंदाज से काफी प्रभावित हुए। वो उस वक्त अपनी फिल्म 'शाही बाजार' पर काम कर रहे थे और उन्होंने राज कुमार को काम देने की पेशकश कर दी।
ऐसा है राज कुमार का परिवार
राज कुमार हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार थे और एक यात्रा के दौरान उनका दिल जेनिफर नाम की एयर हॉस्टेस पर आ गया था। दोनों ने शादी कर दी और जेनिफर ने अपना नाम हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से गायत्री रख लिया। राज कुमार और जेनिफर के तीन बच्चे हैं जिनमें बॉलीवुड एक्टर पुरु राज कुमार, अदाकारा वास्तविकता पंडित और पाणिनी राज कुमार हैं।
बेटा और बेटी को नहीं मिली सफलता
पुरु राजकुमार कई फिल्मों में नजर आ चुके हैं। उन्होंने साल 1996 में आई 'बाल ब्रह्मचारी’ से डेब्यू किया। इसके बाद 'खतरों के खिलाड़ी', 'हमारा दिल आपके पास है', 'मिशन कश्मीर' और ‘वीर’ जैसी फिल्मों में नजर आए लेकिन पिता की तरह लोकप्रिय नहीं हो पाए। वहीं वास्तविकता पंडित ने भी पर्दे पर छा जाने का सपना देखा था लेकिन असफल डेब्यू ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया। वास्तविकता ने 1996 में फिल्मों में कदम रखा था लेकिन एक दशक तक लंबी जद्दोजहद के बाद उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद भी वास्तविकता को लेकर निर्देशक लॉरेंस डिसूजा ने 2000 में फिल्म 'दिल भी क्या चीज है' बनाने का विचार बनाया लेकिन रातोंरात उन्हें रिप्लेस कर दिया गया। निर्देशक का कहना था कि वास्तविकता में एक्टिंग हुनर नहीं है।
मरने से पहले जताई थी आखिरी इच्छा
3 जुलाई 1996 को गले के कैंसर के कारण 69 साल की उम्र में इस दुनिया से जाने वाले राज कुमार आज भी फैंस के दिलों में जिंदा हैं। राज कुमार को गले में कैंसर का खुलासा हुआ था। उन्हें खाने पीने से लेकर सांस लेने तक में काफी परेशानी होने लगी थी। तब उन्होंने अपने पूरे परिवार को बुलाया। सब पहुंच गए थे, तब उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा बताई। राज कुमार ने कहा कि मेरे निधन के बाद पहले क्रिया कर्म करना और उसके बाद ही किसी की खबर करना। उनका मानना था कि मरने के बाद सबको बुलाकर नौटंकी करना बेकार होता है।
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