/Saawan Kumar Tak facts: डायरेक्टर सावन कुमार टाक का निधन (Saawan Kumar Tak death) हो गया है। सावन कुमार टाक फेफड़े की बीमारी से पीड़ित थे। दिवंगत डायरेक्टर ने संजीव कुमार को पहला ब्रेक दिया था। यही नहीं, साल 1972 में आई मीना कुमारी (Meena Kumari) की आखिरी फिल्म गोमती के किनारे को सावन कुमार टाक ने ही डायरेक्ट किया था। बतौर डायरेक्टर सावन की ये पहली फिल्म थी। फिल्म की शूटिंग के दौरान मीना कुमारी की तबीयत बेहद खराब हो गई थी। इसके बावजूद उन्होंने बहुत मुश्किल से फिल्म की शूटिंग की पूरी थी।
द हिंदू से बातचीत में सावन कुमार टाक ने बताया, 'मैंने मीना कुमारी को इमोशनल स्टोरी सुनाई थी। मैंने उनसे पूछा कि वह किसे बतौर डायरेक्टर चाहती हैं। उन्होंने कहा कि जिसने मुझे इतनी अच्छी कहानी सुनाई है। मैं हैरान रह गया। मुझमें आत्मविश्वास नहीं था कि मैं फिल्म डायरेक्ट कर सकता हूं। लेकिन, जब मीना कुमारी जी ने कहा तो मैंने कमान संभाल ली थी। शूटिंग शुरू होने के छह दिन बाद मीनाजी गंभीर रूप से बीमार हो गई थी। शूटिंग बंद हो गई। वह शूटिंग जारी रखना चाहती थीं। जब मैंने मना किया तो उन्होंने नरगिस को मेरे पास भेजा।'
नरगिस ने कही थी ये बात
सावन कुमार टाक ने कहा था, 'नरगिस जी ने कहा कि मीनाजी आपके करियर को खतरे में नहीं डालना चाहती हैं। मैंने नरगिस से कहा कि मैं मीना जी को टॉर्चर नहीं करना चाहता हूं लेकिन, जब उन्होंने कहा कि मीनाजी चाहती हैं कि गोमती के किनारे उनकी आखिरी फिल्म हो, तब मुझे मानना पड़ा। इसके बावजूद मुझे शूटिंग करने में मजा नहीं आया। हमें उनके शॉट्स पीछे से लेने पड़े थे। हर वक्त वह किसी का सहारा लेकर खड़ी होती थीं। किसी तरह हमने फिल्म की शूटिंग खत्म की लेकिन, फिल्म की शूटिंग जबरदस्ती हुई थी। फाइनल प्रिंट में ये साफ नजर भी आ रहा था।'
गोमती के किनारे 22 नवंबर 1972 में रिलीज हुई थी। फिल्म में मीना कुमारी के अलावा मुमताज, आघा, जलाल आघा, समीर खान अहम रोल में थे। फिल्म में अमिताभ बच्चन मुमताज के अपोजिट नजर आने वाले थे। हालांकि, मुमताज खान भाइयों के करीब थीं। ऐसे में समीर खान को फिल्म में काम मिला।
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