बॉलीवुड एक्टर सलमान खान की गिनती फिल्म इंडस्ट्री के सबसे सफल एक्टर्स में होती है। सलमान के फैंस का कोई मेल नहीं है जो कि बेसब्री से उनकी फिल्म रिलीज होने का इंतजार करते हैं। अपनी फिल्मों और काम के साथ- साथ सलमान अपने जिंदादिल व्यवहार और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए भी जाने जाते हैं।
एक किताब 'खानटास्टिक: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड ट्रायो' (Khantastic: The Untold Story of Bollywood's Trio) में यह खुलासा किया गया था कि किस तरह सलमान को पैसे की अहमियत पता चली। इस किताब में बताया गया कि सलमान का जन्म 27 दिसंबर 1965 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था और वो काफी समय तक यहां रहे। एक बार दिवाली के मौके पर वो अपने भाई- बहनों के साथ कागज जला रहे थे और कुछ देर में कागज खत्म हो गए। इसके बाद सलमान को एक प्लान सूझा और वो भागकर अपने पिता सलीम खान की स्टडी टेबल पर गए और वहां रखे कागज के बंडल को उठाकर ले आए और अपने भाई- बहनों को उसे जलाने के लिए दे दिया। सबने मिलकर उस समय जो जलाया वो उनके पिता सलीम खान की 750 रुपये सैलरी थी।
सलीम खान को जब पता चला कि उनके बच्चों ने सारी सैलरी जला दी है तो भी वो नाराज नहीं हुए बल्कि उन्होंने सभी को समझाया कि पैसे की क्या अहमियत है। उन्होंने समझाया कि उसी पैसे से घर में खाना आता। अपने पिता की बातों का सलमान पर गहरा असर हुआ और उन्होंने वादा किया कि वो कभी ये बात नहीं भूलेंगे।
बता दें कि अपनी जिंदादिली के लिए पहचाने जाने वाले सलमान ने हाल ही में अपनी फिल्म राधे के क्रू मेंबर्स के अकाउंट में पैसा जमा करवाए। हालांकि कोरोना वायरस के चलते फिल्म की शूटिंग रुक गई है लेकिन सलमान ने स्टाफ की सैलरी नहीं रोकी। राधे इस साल ईद के मौके पर रिलीज होने वाली थी लेकिन कोरोना वायरस के चलते इसकी रिलीज डेट टल सकती है। इसके अलावा अगले साल ईद पर उनकी फिल्म कभी ईद, कभी दिवाली रिलीज होगी।
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