बॉलीवुड की ट्रेजडी क्वीन कही जाने वाली मीना कुमारी ना केवल अपनी बेहतरीन एक्टिंग के लिए बल्कि अपनी खूबसूरती के लिए भी जानी जाती थीं। उन्होंने अपने एक्टिंग करियर में कई बेहतरीन फिल्में दीं और अपनी अलग पहचान बनाई।
मीना कुमारी की प्रोफेश्नल लाइफ जितनी अच्छी थी उनकी पर्सनल लाइफ उतनी ही परेशानियों से भरी थी। मीना कुमारी ने 4 साल की उम्र में एक्टिंग की दुनिया में कदम रख लिया था और इसके बाद 'बेबी मीना' के तौर पर उन्होंने लेदरफेस, अधूरी कहानी, पूजास एक ही भूल, नई रोशनी, कसौटी, विजय, गरीब, प्रतिज्ञा और लाल हवेली जैसी फिल्मों में काम किया।
मीना कुमारी ने अपने 33 साल के एक्टिंग करियर में करीब 92 फिल्मों में काम किया और 38 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गईं। साल 1972 में उनकी मशहूर फिल्म पाकीजा रिलीज हुई और इसके तीन हफ्ते बाद 28 मार्च, 1972 को मीना कुमारी की तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया और दो दिन कोमा में रहने के बाद 31 मार्च, 1972 को उनका निधन हो गया। इस समय वो केवल 38 साल की थीं। उनकी अंतिम यात्रा पर दोस्त व मशहूर एक्ट्रेस नरगिस भी पहुंचीं और कहा, 'मीना कुमारी, मौत मुबारक हो।'
मीना कुमारी के निधन पर नरगिस ने कही थी ये बात
मीना कुमारी के निधन के बाद नरगिस ने टूटे दिल के साथ उन्हें मौत की बधाई दी थी। नरगिस ने कहा था, 'तुम्हें मौत मुबारक हो। मैंने पहले कभी यह नहीं कहा। मीना, आज तुम्हारी बाजी (बड़ी बहन) तुम्हारी मौत पर तुम्हें बधाई देती है और कहती है कि इस दुनिया में फिर कभी कदम मत रखना। यह जगह तुम जैसे लोगों के लिए नहीं है।'
कैसे हुई थी दोनों की दोस्ती
नरगिस ने बताया था कि किस तरह उनकी मीना कुमारी से इतनी अच्छी दोस्ती हुई। उन्होंने बताया, 'फिल्म मैं चुप रहूंगी की शूटिंग के दौरान मेरे पति (सुनील दत्त) ने मुझे बच्चों के साथ सेट पर बुलाया। यहां मैं और मीना कुमारी अच्छे दोस्त बन गए। जब मैं दत्त साब के साथ डिनर पर गई तब मीना कुमारी ने संजय दत्त और नम्रता दत्त का ख्याल रखा। उनके कपड़े बदलने से लेकर उनका दूध तैयार करने तक का काम किया।'
जब एक रात ऐसी थी मीना कुमारी की हालत
नरगिस ने बताया था कि एक रात उन्होंने मीना कुमारी को होटल के गार्डन में घूमते हुए देखा। वो हाफ रही थीं और जब नरगिस ने इसकी वजह पूछी तो मीना कुमारी ने कहा, 'बाजी, मैं तंबाकू खाती है कभी- कभी इसकी वजह से घबराहट होने लगती है।' यह सुनकर नरगिस ने कहा, 'मीना, यह तंबाकू की वजह से नहीं है। तुम बहुत थकी हुई लग रही हो। तुम कुछ देर आराम क्यों नहीं करतीं?' यह सुन मीना कुमारी ने कहा, 'बाजी, मेरी किस्मत में आराम करना नहीं है। मैं केवल एक बार आराम करूंगी...'
मीना कुमारी की आंखों में थी सूजन
नरगिस ने बताया था, 'इस रात मीना कुमारी के कमरे से लड़ाई- झगड़े की आवाज आ रही थी। अगले दिन हमें पता चला कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है और वो काम पर नहीं आएंगी। सुनील के जाने के बाद मैं मीना के कमरे में गई। बहुत ज्यादा रोने की वजह से उसकी आंखें सूजी हुई थीं। मैंने कमल अमरोही (मीना कुमारी के पति) के सेक्रेटरी बकार से बात की और पूछा कि तुम लोग मीना को क्यों मारना चाहते हो? उसने तुम्हारे लिए बहुत काम किया है और वो कम तक तु्म्हें खिलाएगी? इसपर बकार ने कहा- जब सही समय आएगा, हम उसे आराम देंगे।'
पति के सेक्रेटरी ने मीना कुमारी पर उठाया हाथ
इस आर्टिकल में मीना कुमारी ने खुलासा किया कि एक घटना के बाद मीना कुमारी ने कमल अमरोही से तलाक ले लिया। लेकिन इससे वो गम में डूब गईं और शराब पीने लगीं, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जब नरगिस अस्पताल में मीना से मिलने गईं और कहा, 'तुम अब आजाद हो लेकिन ऐसी आजादी का क्या फायदा जब तुम अपनी जान लेने पर उतर जाओ?' इसपर मीना कुमारी ने कहा, 'बाजी, मेरे धैर्य की एक सीमा है। कमल साहब के सेक्रेटरी की हिम्मत कैसे हुई मुझपर हाथ उठाने की? जब मैंने कमल साहब से इसकी शिकायत की तो उन्होंने कुछ नहीं किया। अब मैंने वहां नहीं लौटने का फैसला किया।'
38 की उम्र में निधन
मीना कुमारी की हालत इतनी नाजुक थी कि डॉक्टरों ने उन्हें कहा कि अगली ड्रिंक उनकी जान ले लेगी। इसके बाद मीना कुमारी ने शराब पीना छोड़ दिया और कुछ समय के लिए ठीक भी हो गईं लेकिन उनकी फिल्म पाकीजा रिलीज होने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और 31 मार्च 1972 को उनका निधन हो गया।
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