मुंबई. फिल्म शीरीं फरहाद के म्यूजिक कंपोजर एस.मोहिंदर का निधन हो गया है। 95 साल के मोहिंदर ने मुंबई में ही अंतिम सांस ली है। लता मंगेशकर ने सोशल मीडिया पर उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी है।
लता मंगेशकर ने सोशल मीडिया पर लिखा- 'आज बहुत अच्छे संगीतकार एस.मोहिंदर जी का स्वर्गवास हुआ, ये सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। वो बहुत शरीफ और नेक इंसान थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।'
एस.मोहिंदर का जन्म 8 सितंबर 1925 को पंजाब के मोंटगोमरी जिले के सिल्लियांवाला गांव में हुआ था। उनके पिता सुजान सिंह बक्शी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे। उन्हें संगीत विरासत में मिला था। उनके पिता बहुत अच्छी बांसुरी बजाते थे।
रेडियो स्टेशन में किया काम
एस.मोहिंदर ने अपने करियर की शुरुआत आजादी से पहले लाहौर (अब पाकिस्तान) में एक रेडियो स्टेशन से की थी। इसी रेडियो स्टेशन में उनकी मुलाकात एक्ट्रेस सुरैया से हुई थी। सुरैया के कहने पर ही वह बंबई आए थे।
बंटवारे के बाद उनका पूरा परिवार पूर्वी पंजाब आ गया था। मोहिंदर ने अपने करियर की शुरुआत साल 1950 में फिल्म निली से की थी। 1969 में उन्हें फिल्म ‘नानक नाम जहाज़ है’ के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था। एस.मोहिंदर की आखिरी फिल्म साल 1981 में आई दहेज थी।
मधुबाला करती थीं मदद
एस.मोहिंदर का एक किस्सा मशहूर है कि मधुबाला ने उन्हें प्रपोज किया था। हालांकि, वह पहले से ही शादीशुदा थे तो उन्होंने मधुबाला का ये प्रस्ताव ठुकरा दिया था। दरअसल फिल्म शीरीं फरहाद में मोहिंदर के काम से मधुबाला काफी इंप्रेस थीं
शीरीं फरहाद में मधुबाला लीड रोल में थीं। मधुबाला ने बाद में उनकी आर्थिक मदद की पेशकश की थी। वह उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और पत्नी के गुजारे के लिए हर महीने पैसा भेजना चाहती थीं।
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