ओम प्रकाश अपने जमाने के एक ऐसे एक्टर थे, जो किसी भी रोल में आसानी से ढल जाते थे। उनकी एक्टिंग तो असरदार थी थी, बोलने का अंदाज भी निराला थे। ओम प्रकाश ने अपने फिल्मी करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में अदाकारी का जलवा बिखेरा। उन्होंने चरणदास, साधु और शैतान, दिल-दौलत-दुनिया, पड़ोसन, बुड्ढा मिल गया, शराबी, भरोसा, तेरे घर के सामने, लोफर, आंधी जैसी कई फिल्मों में छाप छोड़ी। वहीं, 'नमक हलाल' फिल्म में ओम प्रकास द्वारा निभाया गया अमिताभ बच्चन के 'दद्दू' को रोल आज भी काफी चर्चित है। फिल्म में उनकी डायलॉग डिलीवरी देखते ही बनती थी।
जब पढ़ाई छोड़ काम करने लगे ओम प्रकाश
ओम प्रकाश का जन्म 19 दिसंबर 1919 को लाहौर में हुआ था। वह तीन भाई और एक बहन थे। उनका ताल्लुक रईस परिवार से था। उनकी लाहौर और जम्मू में बहुत जमीनें थीं। ओम प्रकाश को छोटी उम्र से ही एक्टिंग करना काफी पसंद था, जिसके चलते उनका दिल पढ़ाई की और कम ही जाता। स्कूल में एक स्तर के बाद जब मन ऊबने लगा तो उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने वह एक्टर बनने के लिए मुंबई चले गए। उन्होंने यहां आकर सिर्फ 14 साल की उम्र में सरोज फिल्म कंपनी में काम करना शुरू कर दिया था। उन्हें कंपनी में तीस रुपए महीना मिलते थे। हालांकि, ओम प्रकाश को तब एक्टिंग का मौका मिल नहीं मिला और वह अपने घर लौट आए थे।
शादी की दावत में मिला पहली फिल्म का ऑफर
ओम प्रकाश ने रामलीला में एक्टिंग के जरिए अपनी शुरुआत की थी। उन्होंने रामलीला में पहली बार सीता का रोल निभाया था। लेकिन फिल्मी पर्दे तक पहुंचे में उन्हें 25 साल की उम्र तक इंतजार करना पड़ा। ओम प्रकाश की पहली फिल्म 'दासी' साल 1944 में आई थी, जिसमें उन्होंने अहम भूमिका निभाई। उन्हें इस फिल्म का ऑफर एक शादी की दावत में मिला था। दरअसल, एक शादी की दावत के दौरान फिल्म डायरेक्टर डी पंचोली की नजर ओम प्रकाश पर पड़ी। डी पंचोली का ऑफिस लाहौर में था और उन्होंने एक्टर को अपने यहां आने का न्योता दिया। ओम प्रकाश ने मौके को हाथ से जाने नहीं दिया और इस तरह पहला ब्रेक मिल गया। उन्होंने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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