मुंबई. दो साल तक कैंसर से जंग लड़ने के बाद ऋषि कपूर का निधन हो गया है। ऋषि कपूर सितंबर 2018 से अमेरिका के न्यूयॉर्क में ट्रीटमेंट करा रहे थे। इस दौरान नीतू कपूर उनका पूरा ख्याल रख रही थीं। नीतू कपूर ने कहा था कि ऋषि कपूर उनके लिए तीसरे बेटे की तरह हो गए थे।
Times Now की ग्रुप एडिटर नविका कुमार से बातचीत में नीतू कपूर ने कहा था कि- 'जब हमें इनके कैंसर के बारे में पता चला तो मैं और मेरे बच्चे बिल्कुल टूट गए थे। हमें समझ नहीं आया कि हम लोग क्या करें। हालांकि, हमने कुछ वक्त बाद परिस्थितियों को स्वीकार कर लिया।'
नीतू कपूर कहती हैं-'मुझे इन दिनों ऐसा लगा कि मैं इनकी मां बन गई हूं। ये मेरे तीसरे बच्चे हैं। इनका खाना, सोना, दवाइयां जैसे एक बच्चे की देखभाल की जाती है। वहीं, ऋषि कपूर ने कहा था कि-'मेरे सबसे बड़ी समस्या थी कि मुझमें धैर्य की बहुत ज्यादा कमी थी।'
पांच महीने में घट गया था 24 किलो वजन
ऋषि कपूर ने बताया कि पांच महीने में उनका 24 किलो वजन घट गया था। ऋषि कपूर ने बताया था कि वह नौ दिनों तक खाना भी नहीं खा पा रहे थे। ऋषि कपूर ने कहा कि उन्हें भूख भी नहीं लगती थी। इसके अलावा खाने का भी स्वाद नहीं आता था।
नीतू कपूर ने कहा कि-'मैं इन्हें मक्खन और घी खिलाती थीं। ऐसे में इनकी बहन मुझसे कहती थीं कि ये पहली बार है जब मैं देख रही हूं कि तू इसे मक्खन खिला रही है, घी खिला रही है।' ऋषि कपूर ने बताया कि जब उन्हें कैंसर का पता चलने के अगले दिन वह न्यूयॉर्क आ गए थे।
परिवार ने जारी किया ये बयान
ऋषि कपूर के परिवार ने उनके निधन के बाद बयान जारी किया है। उन्होंने लिखा-' दो साल की लड़ाई के बाद हमारे प्यारे ऋषि कपूर का ल्यूकेमिया के कारण आज सुबह 8:45 बजे अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने कहा कि वह आखिरी वक्त तक उनका मनोरंजन कर रहे थे।'
कपूर फैमिली ने बयान में आगे लिखा- 'परिवार, दोस्त, खाना और फिल्में उनके जीवन के केंद्र में बनी रहीं। इस दुख की घड़ी में हम यह समझते हैं कि इस समय दुनिया बहुत मुश्किल समय से गुजर रही है। हम उनके फैंस, शुभचिंतकों, दोस्तों और उनके परिवार से यह गुजारिश करेंगे की वो कानून का पालन करें।'
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