भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर अपनी अनंत यात्रा के लिए निकल गई हैं। दिलीप कुमार के बाद लता मंगेशकर के जाने से फिल्म इंडस्ट्री का एक दौर खत्म हो गया है। लता मंगेशकर दिलीप कुमार को अपना बड़ा भाई मानती थीं।
भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर अपनी अनंत यात्रा के लिए निकल गई हैं। दिलीप कुमार के बाद लता मंगेशकर के जाने से फिल्म इंडस्ट्री का एक दौर खत्म हो गया है। लता मंगेशकर दिलीप कुमार को अपना बड़ा भाई मानती थीं।
दिलीप कुमार और लता मंगेशकर की पहली मुलाकात बेहद दिलचस्प है। लता मंगेशकर और दिलीप कुमार साल 1947 में पहली बार मिले थे। दोनों को संगीतकार अनिल बिस्वास ने मिलवाया था।
अनिल बिस्वास ने दिलीप कुमार से कहा कि 'यह लता है, बहुत अच्छी गाती है।' इस पर दिलीप कुमार ने पूछा कि कहां की हैं? जब उन्हें पता चला कि वह एक मराठी हैं। ये मराठी है तो इनके तलफ़्फ़ुज़ (उच्चारण) कैसे होंगे?
लता मंगेशकर के मुताबिक दिलीप कुमार ने कहा कि हिंदी गानों में उर्दू गानों के बहुत शब्द होते हैं। मराठी गायिका के मुंह से उर्दू मानों दाल-चावल की बू आती है। ये सुनकर लता मंगेशकर फूट-फूटकर रोने लगीं।
लता मंगेशकर के मुताबिक, 'मैंने घर जाकर म्यूजिक डायरेक्टर मोहम्मद शफीक से मिली और कहा कि मुझे उर्दू सीखनी है। इसके बाद मैंने एक विद्वान मौलाना से उर्दू सीखना शुरू कर दिया।'
दिलीप कुमार के निधन पर लता मंगेशकर ने ट्वीट कर लिखा था, 'यूसुफ भाई आज अपनी छोटी सी बहन को छोड़कर चले गए…यूसुफ भाई क्या गए, एक युग का अंत हो गया। मुझे कुछ सूझ नहीं रहा है। मैं बहुत दुखी हूं, निशब्द हूं। कई बातें, कई यादें हमें देकर चले गए।'
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