मुंबई. काजोल, रानी मुखर्जी और मोहनीश बहल ये तीन रियल लाइफ में कजिन भाई बहन हैं। इन तीनों को ही एक्टिंग विरासत में मिली है। काजोल की मम्मी तनुजा और मोहनीश बहल की मम्मी नूतन टॉप एक्ट्रेस रह चुकी हैं। वहीं, दोनों की नानी शोभना समर्थ लगभग 50 साल फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव थीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि काजोल की परनानी रतन बाई भी एक भजन गायिका थीं।
रतन बाई का जन्म 15 जुलाई 1890 को जन्म हुआ था। रतन बाई के पति प्रभाकर शिलौत्री ने अमेरिका से इकॉनमिक्स में पीएचडी की थी। भारत लौटने के बाद उन्होंने ब्रिटिश भारत में अपना बैंक शिलौत्री बैंक ऑफ कॉमर्स शुरू किया। इसकी देश में छह ब्रांच थी। हालांकि, उन्हें अंग्रेजों से काफी चिढ़ थी।
रतन बाई के पति को बैंक के कैश की सुरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस की जरूरत थी। जब केलेक्टर ने उन्हें नहीं दिया तो उन्होंने कलेक्टर को तमाचा रसीद कर दिया। बाद में उन्हें तकनीकी मामलों में फंसाकर दो साल की कैद हुई।
पति का दिया साथ
पति के जेल में रहने के कारण उन्हें काफी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। जेल से निकलने के बाद उनके पति का निधन हो गया। ऐसे में उन्हें मुंबई छोड़कर दूसरे शहर में बसना पड़ा था।
मूक फिल्मों के बाद जब टॉकीज का जमाना आया तो रतन बाई फिल्मों में बतौर सिंगर जुड़ गईं। इसके अलावा वह खुद गीत भी लिखा करती थीं। खुद एक्ट्रेस बनने से पहले अपनी बेटी शोभना को रतन बाई ने फिल्मों में एक्ट्रेस के तौर पर स्थापित किया।
लिखा था ये भजन
रतन बाई ने साल 1939 में मराठी फिल्म स्वारज्य ज सीमवर से डेब्यू किया था। इस फिल्म में उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई का किरदार निभाया था।
रतन बाई का भजन तेरे पूजन को भगवान, बना मन मंदिर आलीशन आज तक गुनगुनाया जाता है। ये भजन साल 1936 में रतन बाई ने आई फिल्म ‘भारत की बेटी’ के लिए ये भजन लिखा और अपनी आवाज दी थी।
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