मुंबई : बॉलीवुड लीजेंड एक्ट्रेस शबाना आजमी आजकल भले ही बड़े पर्दे से कुछ वक्त के लिए नदारद हो लेकिन बात जब मां और मां के बारे में कुछ कहने की हो ,जब उनकी अच्छाइयों को और मां के साथ बिताए हुए यादों को साझा करने की हो तब शबाना आजमी उस पल को बेहद हसीन मानती हैं। जी हां, हाल ही में साड़ी पहने, बालों में फूल लगाए, जब शबाना आजमी 'द ओल्डेस्ट लव स्टोरी' बुक के लॉन्च पर मुख्य अतिथि बनकर आईं।
UNPFA की ब्रांड अम्बेसडर और पद्म भूषण विजेता शबाना आज़मी ने मातृत्व के विषय को दर्शाने वाले असाधारण निबंधों के संग्रहों का शुभारंभ किया।इस किताब में शबाना आजमी ने अपनी मां से उनके रिश्तों की नायाब किस्सों के बारे में निबंन्ध साझा किया हैं। यह बुक है 'द ओल्डेस्ट लव स्टोरी'।
जब दूसरी फिल्म पर मां ने लगाई फटकार
शबाना आजमी अपनी मां शौकत आज़मी के बारे में कहती हैं कि वो एक बहुत अच्छी महिला, एक मां, एक बीवी थी। उनकी सबसे बड़ी खासियत थी कि वो अपने प्रोफेशनल लाइफ के साथ -साथ अपने पर्सनल लाइफ में बराबर तालमेल रखती थी। वो बॉलीवुड की निरूपा रॉय टाइप की मां नहीं थीं, वो बहुत ही कठोर और बेबाक तरीके से अपनी बात को रखती थीं। वो कब आपको जमीन पर उतर देंगी, पता भी नहीं चलेगा। एक बार का किस्सा है। मेरी पहली फिल्म अंकुर रिलीज हुई थी। और मेरी मां मुझसे आगे वाली कतार में बैठी थी। फिल्म देखते हुए उन्होंने मुझे कहा कि तुम एक बहुत अच्छी एक्ट्रेस हो, मुझे गर्व है तुम पर, ये फिल्म बहुत अच्छी है। मेरे अगल बगल के लोग देखकर सोचने लगे होंगे कि ये सब क्या चल रहा है।
मां की बात सुन कर मैं बहुत कॉन्फिडेंट हो गयी और जब 2 महीने बाद मेरी दूसरी फिल्म फासले आयी तब वो बोली कि शबाना ये इतनी बेहूदी फिल्म हैं और तुमने इतना बेहूदा काम किया है। अगर ये फिल्म तुमने मुझे पहले दिखा दी होती तो मैं तुम्हारी शादी किसी लगड़े लूले से करा देती लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में नाजिल नहीं करती।
मां से उनको रही ये शिकायत
इतना ही नही शबाना आजमी ने इस किताब में बताया हैं कि कैसे 9 साल की उम्र में ये अपनी मां शौकत आजमी से बहुत बेरुखा बर्ताव करती थी। वो कहती हैं - एक वक्त ऐसा था जब मैं अक्सर बहुत बेरुखी से उनसे बर्ताव करती थी। तब एक बार मेरी मां ने मुझे फोन किया और कहा कि तुम ऐसा व्यवहार क्यों कर रही हो। तब मैंने उन्हें कहा कि मुझे लगता है कि आप मुझसे ज्यादा बाबा (उनके भाई) से ज्यादा प्यार करती हो। तब वो मुझे बोली कि देखो मैं तुम्हारी मां होने के साथ-साथ एक इंसान भी हूं। तुम्हारा स्वभाव बहुत ही बेरुखा और अप्रिय है और ये सब मुझे पसंद नही है। और तुम्हारा भाई, बहुत ही प्यार,अच्छे स्वभाव का हैं। इसीलिए मैं उससे अच्छा बर्ताव करती हूं। ये सब सुनकर मैंने अपने बुरे बर्ताव को छोड़ दिया लेकिन अपनी मां से कहा कि तुम 9 साल की छोटी बच्ची के साथ ऐसे कैसे बात कर सकती हो। तब वो बोली कि मैं ये सब न देखती हूं और न ही सोचती हूं।
शबाना आजमी आजकल के पेरेंट्स को सुझाव देना चाहती हैं जिनके बच्चे उनसे बहुत रुखा बर्ताव करते हैं, वो शौकत आजमी को फॉलो करें।
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